Skip to main content

Bihari ke Dohe/PUC 2nd year (Sahitya Gaurav) Karnataka Board/Summary/Question & Answer ( बिहारी के दोहे...सारांश)

                                                                         बिहारी के दोहे

                     :                                                                      बिहारी

कवि परिचय : 

* जन्म ग्वालियर के पास गोविंदपुर गाँव में हुआ।

* रीतिकाल के प्रमुख कवि रहे।

* ‘बिहारी सतसई’ प्रमुख रचना

* दोहों में शृंगार रस की प्रमुखता

दोहे व भावार्थ :

1. कनक कनक तैं सौगुनौ, मादकता अधिकाइ।

    उहिं खाऐं बौराइ, इहिं पाएँ ही बौंराइ॥1॥

भावर्थ : बिहारी ने उपर्युक्त दोहे में कनक के दो अर्थ बताए हैं। पहला कनक मतलब सोना (स्वर्ण) और दूसरा कनक मतलब धतूरा (जहरीला पौधा - धतूरा) । धतूरा एक नशीला पौधा है जिसका उपयोग अनेक लोग नशा करने के लिए करते हैं। उसका नशा चढ़ने पर वे पागलों जैसा व्यवहार करते हैं। ठीक वैसे ही स्वर्ण या सोना भी है। स्वर्ण या सोना उस धतूरे से भी सौ गुणा अधिक नशीला है। जिस किसी को भी स्वर्ण या सोने का नशा चढ़ता है, वह व्यक्ति उसे पाने के लिए पागल बन जाता है। इस कनक के उदाहरण से वे कहना चाहते हैं कि एक कनक को खाने से पागल होते हैं तो दूसरे कनक(स्वर्ण) को पाने या प्राप्त करने से पागल बनते हैं। इसलिए दोनों से दूर रहना चाहिए।

2. जपमाला छापा तिलक, सरै न एकौ कामु।

    मन-काँचै नाचै वृथा, साँचै राँचै रामु॥2॥

भावर्थ : बिहारी ने भगवान की सर्वव्यापकता का वर्णन करते हुए कहा है कि जो भगवान को प्राप्त करने के लिए माला का जप करते हैं, माथे पर छापा या तिलक लगाते हैं, ऐसा कार्य करने से आपका एक भी काम नहीं होगा। भगवान की प्राप्ति ऐसा करने से नहीं होती है। अगर आप भगवान को सच्चे मन से नहीं भजते और आपके मन में अनेक विचार चलते हैं तो आपका भगवान को याद करना व्यर्थ है। भगवान सच्चे मन से भक्ति करने वाले के ऊपर ही प्रसन्न होते हैं। तो भगवान को प्राप्त करना है तो बाहरी दिखावा न करते हुए निस्वार्थ भाव से भगवान का स्मरण करने से ही आपको उनकी प्राप्ति हो स्काती है। 

3. अधर धरत हरिन कैं परत, ओठ-डीठि-पट-जोति ।

    हरित बाँस की बाँसुरी, इंद्र धनुष-रंग होति॥3॥

भावर्थ : बिहारी उपर्युक्त दोहे के माध्यम से श्रीकृष्ण के रुप सौंदर्य का वर्णन करते हैं कि हरि अपने साँवले शरीर पर पीले वस्त्र पहने हुए हैं। वे हरे रंग की बाँस की लकड़ी की बाँसुरी बजाने के लिए अपने होठों को लगाते हैं तब उस बाँसुरी पर कृष्ण के साँवले शरीर और पीले वस्त्रों की छाया पड़ने से वह बाँसुरी इंद्रधनुष के रंगों के समान चमकती है। बिहारी कृष्ण के इस बाँसुरी बजाते हुए सुंदर मनमोहक रुप का वर्णन करते हैं।

4. अति अगाधु, अति औथरो, नदी, कूप, सरु, बाइ।

    सो ताकौ सागरु जहाँ, जाकि प्यास बुझाइ॥4॥

भावर्थ : बिहारी ने इस दोहे के माध्यम से दान की महत्ता का वर्णन किया है। बिहारी जी का कहना है कि इस धरती पर पानी अनेक माध्यम से प्राप्त होता है। जिसे हम पीकर अपनी प्यास बुझा सकते हैं। ये पानी के स्त्रोत ज़्यादा गहरे तथा उथले हो सकते हैं। जैसे नदी, कुआँ या कुँआ आदि। किसी भी जीव को अपनी प्यास जिस पानी के स्त्रोत के माध्यम से बुझानी है वे बुझा सकते हैं। अपनी प्यास बुझाना आपका उद्देश्य होना चाहिए।

5. या अनुरागी चित्तकी , गति समुझै नहिं कोइ।

    जौं-ज्यौं बूड़े स्याम रंग, त्यौं-त्यौं उज्जलु होइ॥5॥

भावर्थ : बिहारी जी इस दोहे के माध्यम से कहना चाहते हैं कि इस प्रेमी हृदय की गति कोई भी नहीं समझेगा। जितना यह हृदय शाम या कृष्ण के भक्ति रुपी रंग में डूबेगा वह उतना ही उजला या सफ़ेद हो जाएगा। अर्थात जो भगवान की भक्ति में डूब जाएगा वह उतना ही भगवान को समझ पायेगा और उनके करीब रहेगा।

I एक शब्द या वाक्यांश या वाक्य में उत्तर लिखिए :

1. किस वस्तु को पाकर मनुष्य उन्मत्त होता है?

उत्तर : कनक को पाकर मनुष्य उन्मत्त होता है।

2. भगवान कब प्रसन्न होते हैं?

उत्तर : भगवान को सच्चे मन से स्मरण करने पर प्रसन्न होते हैं।

3. बाँसुरी किस रंग की है?

उत्तर : बाँसुरी हरे रंग की होती है।

4.  प्रेमी चित्त कब उजला होता है?

उत्तर : साँवले रंग के शाम या कृष्ण के रंग में प्रेमी का चित्त डूबने से उजला या सफ़ेद होता है।

5. सम्पत्ति रुपी सलिल के बढ़ने का क्या परिणाम होता है?

उत्तर : सम्पत्ति रुपी सलिल के बढ़ने से मन रुपी सरोज या कमल बढ़ जाता है।

6. वस्तुएँ कब सुंदर प्रतीत होती हैं?

उत्तर : मन में जब वस्तुओं के प्रति रुचि निर्माण होती हैं तब वे सुंदर लगती हैं।  

7. पातक, राजा और रोग किसे दबाते हैं?

उत्तर : पातक, राजा और रोग दुर्बल को दबाते हैं।






Popular Posts

KAR CHALE HUM FIDA NCERT Class-10 Solutions & Summary .. (कर चले हम फ़िदा भावार्थ/प्रश्नोंत्तर ... FULL MARKS)

  कर चले हम फ़िदा                                           कैफ़ी आज़मी कवि परिचय -                          * कैफ़ी आज़मी का वास्तविक नाम अतहर हुसैन रिज़वी है।                         * जन्म- १९ जनवरी १९१९ उत्तरप्रदेश के आज़मगढ़ जिले मजमां गाँव में हुआ।                         * इनका पूरा परिवार कला क्षेत्र से जुड़ा था। प्रश्न -अभ्यास क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - १. क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है? उत्तर- हाँ, इस गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। १९६२ में भारत और चीन के बीच हुए युद्ध को ध्यान में रखकर इस गीत को लिखा गया था। चीन और भारत के इस युद्ध में भारत की हार हुई थी लेकिन भारत के जवानों ने चीन के सिपाहियों को मुँहतोड़ ज़वाब दिया था।  २. ‘सर हिमालय का हम...

Suchana Lekhan NCERT Class-10 (सूचना लेखन कक्षा - १० )

 सूचना लेखन * ‘सूचना लेखन’ पाठ का कक्षा १० वीं के हिंदी कोर्स -ब के पाठ्यक्रम में समावेश किया गया है।  * सूचना लेखन करते समय पूरे अंक लेने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है- १. सूचना लेखन करते समय सबसे पहले चौकोन आकार का बॉक्स बनाएँ। २. सबसे उपर बॉक्स के मध्य में सूचना का शीर्षक लिखें। ३. सूचना जिस संस्था द्वारा दी जा रही है, उसका पहले उपर नाम लिखें। जैसे-  विद्यालय, सोसाइटी, संस्था आदि। ४. उसकी नीचली पंक्ति के मध्य में ‘सूचना’ लिखें। ५. सूचना लिखने के बाद दाईने बाजू में दिनांक लिखें। दिनांक लिखते समय महीना हिन्दी में लिखें। सूचना लिखने की दिनांक और कार्यक्रम की दिनांक में कम से कम एक सप्ताह का अंतर रखें। कोई घटना पहले घटी है, तो  सूचना लिखने की दिनांक से पहले एक सप्ताह की दिनांक विषयवस्तु में लिखें।  ६.  सूचना लेखन की विषयवस्तु लिखते समय दिवस, दिनांक, समय, स्थल और विषय का उल्लेख करना आवश्यक है। सूचना की विषयवस्तु दो अनुच्छेदों में लिखें। विषय को बड़े अक्षरों में लिखें। ७. विषयवस्तु के बाद अंत में आपका पद और नाम लिखिए।  ८. सूचना के दो प्रा...

समास (Samas सरल, Tricky & Important Notes)

                                                                                                समास समास शब्द का अर्थ- ‘संक्षिप्त रुप’ मतलब दो से अधिक शब्दों को मिलाकर छोटा शब्द रुप तैयार करना। दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से नया शब्द बनता है, उसे समास कहते हैं। उदा. पाठ के लिए शाला = पाठशाला, चार राहों का समूह - ‘चौराहा’          उपर्युक्त उदाहरण में दो पद (शब्द)हैं। ये पूर्व पद (पहला शब्द) और उत्तरपद (दूसरा शब्द) कहलाते हैं। इन दो पदों को मिलाकर समस्त पद(पूरा शब्द) बनता है। जैसे- रसोई + घर = रसोईघर                        चौ(चार) + राहा (राह)  = चौराहा         पूर्व पद  + उत्तर पद  =...

रहीम के दोहे - NCERT Class 9 वीं Solutions ( Raheem ke Dohe .... Bhavath Question & Answers)

रहीम के दोहे भावार्थ- दोहा-१   रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।                टूटे से फ़िर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय॥ रहीम जी कहते हैं कि प्रेम का धागा हमें जल्दबाजी में नहीं तोड़ना चाहिए। अगर यह धागा एक बार टूटा तो दुबारा नहीं जुड़ सकता और जुड़ा भी तो वह पहले जैसे नहीं होगा बल्कि उसमें गाँठ पड़ी देखने मिलेगी। अर्थात रिश्ता एक धागे समान नाजुक और मुलायम होता है जो एक बार टुट गया तो पहले जैसा उसमें विश्वास नहीं रहेगा इसलिए हमें रिश्ते को किसी भी बात को लेकर तोड़ने नहीं देना है। जिससे हमें बाद में पछताना पड़े।   दोहा-२ रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।               सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय॥ रहीम जी कहते हैं कि हमें अपनी मन की पीड़ा को मन में ही छुपाकर रखना है। लेकिन हम अपनी मन की पीड़ा को दुसरों के सामने सहानुभूति प्राप्त करने के लिए व्यक्त करते हैं तो लोग उसे सुनकर हमारी मदद करने की बजाय हमारा मज़ाक उड़ा सकते हैं। कोई भी हमारी पीड़ा को ना लेगा ना ही दूर करेगा। इसलिए हमारी पिड़ा ...

Smriti Sanchayan Class 9 NCERT Q/A (स्मृति.. संचयन प्रश्नोंत्तर )

 स्मृति                                श्रीराम शर्मा बोध-प्रश्न १. भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में किस बात का डर था? उत्तर- भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में ड़र था क्योंकि उसके मन में बड़े भाई साहब के प्रति ड़र की भावना बनी रहती थी। जब गाँव का एक व्यक्ति उसको भाई द्वारा घर जल्दी बुलाने की बात करता है, उस वक्त वह सोच रहा था कि उसने ऐसा कौन-सा अपराध किया था कि उसको बड़े भाई ने जल्दी आने के लिए कहा। छोटे भाई को सर्दी के दिनों में घर से बाहर लेकर गया इसलिए शायद गुस्से में आकर डाँटने के लिए बुलाया होगा।   २. मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढ़ेला क्यों फ़ेंकती थी? उत्तर-  मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढेला फ़ेंकती थी क्योंकि उस कुएँ में साँप गिर पड़ा था, बच्चों को उस साँप पर ढेला फ़ेंककर उसकी फ़ुसकार सुनने की इच्छा होती थी। बच्चों को ढ़ेला फ़ेंककर साँप की फ़ुसकार सुनना बड़ा काम करने के बराबर लगता था। स्कूल आते-जात...