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Shukratare Ke Saman (NCERT) Solutions Class-10 (शुक्रतारे के समान प्रश्नोंत्तर)

 शुक्रतारे के समान 

                                                                                                    स्वामी  आनंद

प्रश्न-अभ्यास

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए।

१. महादेव भाई अपना परिचय किस रुप में देते थे?

उत्तर- महादेव भाई अपना परिचय ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रुप में देते थे। तो कभी मित्रों के बीच में विनोद करते हुए अपने आप को गांधी जी का हमाल भी कहते थे।

२. ‘यंग इंडिया’ साप्ताहिक में लेखों की कमी क्यों रहने लगी?

उत्तर- ‘यंग इंडिया’ में बाम्बे क्रानिकल के संपादक लेख लिखा करते थे। लेकिन उनको देश निकाले की सज़ा देकर इंग्लैंड भेज देने से यंग इंडिया में लेख लिखने वालों की कमी रहने लगी।

३. गांधीजी ने ‘यंग इंडिया’ को प्रकाशित करने के विषय में क्या निश्चय किया?

उत्तर- हार्निमैन को देश निकाले की सज़ा देने के बाद ‘यंग इंडिया’ साप्ताहिक गांधीजी के पास आया और उनको इसमें जानकारी छपवाने के लिए जगह की कमी पड़ने लगी इसलिए उन्होंने उसे सप्ताह में दो बार प्रकाशित करने का निश्चय किया।   

४. गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे?

उत्तर- गाँधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई भारत सरकार के (अंग्रेजों के दौर में) अनुवाद विभाग में नौकरी करते थे।

५.  महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?

उत्तर- महादेव भाई के झोलों में  दैनिक समाचार पत्र, मासिक पत्र, लेख तथा पुस्तकें भरी रहती थीं।

६. महादेव भाई ने गांधीजी की कौन-सी पुस्तक का अनुवाद किया था?

उत्तर- महादेव भाई ने गांधीजी ने लिखी ‘सत्य के प्रयोग’ पुस्तक का अनुवाद किया था।

७. अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक निकलते थे?

उत्तर- अहमदाबाद से ‘नवजीवन और यंग इंडिया’ ये दो साप्ताहिक निकलते थे।

८. महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते थे?

उत्तर- हादेव भाई दिन में 18 से 20 घंटे काम करते थे।

९. महादेव भाई से गांधीजी की निकटता किस वाक्य से सिद्ध होती है?

उत्तर- महादेव भाई की मृत्यु का घाव गांधीजी के मन में कायम बना रहा । वे उनकी याद में ‘यह घाव कभी योग से नहीं भरेगा।’  कहते थे तथा कभी-कभी उनकी याद में प्यारेलाल जी को ‘महादेव’ के नाम से पुकारते थे 

लिखित

क. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30)  शब्दों मे ं लिखिए-

१. गांधीजी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था?

उत्तर- महादेव भाई की काम करने लगन तथा ईमानदारी से गांधीजी ने उसी समय उनको अपना उत्तराधिकारी बनाने का सोचा था। 1919 में जलियाँवाला बाग हत्याकांड में पंजाब जाते समय जब गांधीजी को पलवेल स्टेशन पर ही गिरफ़्तार किया गया तब उन्होंने महादेव जी को अपना वारिस कहा था। 

२. गांधी जी से मिलने आनेवालों के लिए महादेव भाई क्या करते थे?

उत्तर- गांधीजी के सामने ज़ुल्मों और अत्याचारों की कहानियाँ पेश करने के लिए जब लोगों के दल आते थे तब महादेव उनकी परेशानियों को सुनकर उनकी संक्षिप्त टिप्पणियाँ बनाकर गांधीजी के सामने पेश करते थे तथा उन सब की गांधीजी से मुलाकातें भी करवाते थे।

३. महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?

उत्तर- महादेद्व भाई ने वकालत से कोई संबंध न होने के बावज़ूद भी ‘चित्रांगदा’ कच-देवयानी पर आधारित टैगोर जी की ‘विदाई का अभिशाप’ नाटिका तथा ‘शरद बाबू की कहानियाँ’ आदि का हिंदी में अनुवाद किया था, यह उनकी साहित्यिक देन है।

४. महादेव भाई की अकाल मृत्यु का कारण क्या था?

उत्तर- महादेव जी मगनवाड़ी से सेवाग्राम असह्य गर्मी में पैदल जाते थे और वहाँ से काम खत्म करके शाम को वापस मगनवाड़ी लौटते थे। रोज़ -रोज़ 11 मील लंबे समय तक चलना उनकी अकाल मृत्यु का कारण माना जाता है।

५. महादेव भाई के लिखे नोट के बारे में गांधीजी क्या कहते थे?

उत्तर-  देश-विदेश के बड़े-बड़े राजपुरुष तथा अनेक महान व्यक्ति उनको मिलने के लिए आते थे। उन सभी की चर्चाओं को महादेव जी लंबी लिखावट में लिखते थे। लेकिन उनके साथ आए देश-विदेश के सभी धुरंधर उन सभी चर्चाओं को शॉर्टहैंड में लिखने के बाद अपने मुकाम पर जाकर टाइप करके गांधीजी से ओके करवाने के लिए आते  तब गांंधीजी उन्हें “महादेव जी के नोट के साथ मिलान करने को कहते थे।”   

लिखित

ख. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60)  शब्दों मे ं लिखिए-

१. पंजाब में फ़ौज़ी शासन ने क्या-क्या कहर बरसाया था?

उत्तर- पंजाब में १९१९ में अंग्रेज़ सरकार द्वारा जलियाँवाला बाग हत्याकांड हुआ था। जलियाँवाला बाग में शांति से चल रही भारतीयों की सभा को रोकने के लिए अंग्रेज़ी फ़ौज़ ने गोलियाँ चलाईं। इस गोलीबारी में अनेक लोगों की जानें गईं। अंग्रेजी शासन ने भारतीयों पर कहर बरसाया था। जिसमें अनेक निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतारा था। अंग्रेज़ों ने भारतीय लोगों पर अनेक जुल्म ढाएँ थे। अंग्रेजी हुकूमत का विरोध करने गए पंजाब के नेताओं को अंग्रेजी फ़ौज़ ने गिरफ़्तार करके उनको जन्म-कैद की सज़ा देकर कालापानी भेज दिया था। महत्मा गांधीजी जब इस घटना के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए पंजाब जा रहे थे तो उन्हें भी वहाँ जाने नहीं दिया और पलवेल स्टेशन पर ही उनको रोका गया। जिन समाचार पत्रों के संपादकों ने अंग्रेजों के खिलाफ़ लिखने का काम किया उनको भी जेल भेज दिया गया।

२. महादेव जी के किन गुणों ने उनको सबका लाड़ला बना दिया था?

उत्तर-  महादेव जी स्वभाव  


























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