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Kartoos NCERT Class - 10 Solutions ( कारतूस Question & answer, सरल भाषा & Important for exam)

                                                                    कारतूस

                                                                               हबीब तनवीर

प्रश्न-अभ्यास

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए - 

1. कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में क्यों लगा हुआ था?

उत्तर- कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में वज़ीर अली को पकड़ने के लिए लगा हुआ था।

2. वज़ीर अली से सिपाही क्यों तंग आ चुके थे?

उत्तर- वज़ीर अली एक जाँबाज़ और निड़र व्यक्ति था। अंग्रेज़ उसे पकड़ने के लिए वर्षों से जंगलों में घुम रहे थे लेकिन वह उनके हाथ नहीं आ रहा था इसलिए अंग्रेज़ तंग आ चुके थे।

3. कर्नल ने सवार पर नज़र रखने के लिए क्यों कहा?

उत्तर- कर्नल ने सवार पर नज़र रखने के लिए इसलिए कहा होगा क्योंकि सवार वज़ीर अली का आदमी होगा जो उसे पकड़वाने में हमारी मदद करना चाहता हो या उस सवार का पीछा करने से वज़ीर अली को पकड़ने में मदद हो सकती हो।

4. सवार ने क्यों कहा कि वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है?

उत्तर- सवार ने वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है इसलिए कहा क्योंकि खुद सवार ही वज़ीर अली था और उसे अपनी बहादुरी पर विश्वास था। वह लंबे समय से अंग्रेजों की आँखों में धुल झोंक रहा था।

 

लिखित

क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

1.वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड़ की याद क्यों आई?

उत्तर- वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड़ की याद आई क्योंकि वज़ीर अली का कार्य साहस से भरा था जैसे रॉबिनहुड। रॉबिनहुड एक पर्दे का कलाकार था जो साहसी कारनामे करके दिखाता था। वज़ीर अली भी उसकी तरह ही अंग्रेज़ों की विशाल फ़ौज़ को चकमा देता था।  

2. सआदत अली कौन था और उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा?

उत्तर- सआदत अली वज़ीर अली का चाचा था। जिसने अवध का नवाब बनने के लिए वज़ीर अली के पिता (आसिफ़उद्दौला) को अंग्रेजों की सहायता से गद्दी से हटाया और खुद अवध का नवाब बन गया था। लेकिन वज़ीर अली के पैदा होने पर उसने वज़ीर अली बड़ा होकर पिता का बदला लेगा सोचकर उसे अपनी मौत समझा।

3. सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था ?

उत्तर- वज़ीर अली को अवध के तख्त से हटाकर कर्नल ने सआदत अली को तख्त पर बिठाया क्योंकि वज़ीर अली के मन में अंग्रेज़ों के प्रति नफ़रत कुट-कुटकर भरी हुई थी। उसने सिर्फ़ पाँच महीने हुकूमत कर अवध से अंग्रेज़ों का असर कम किया था। बल्कि सआदत अली ऐशपसंद आदमी था और अंग्रेज़ों का दोस्त भी था। उसने अवध की आधी जायदाद अंग्रेज़ों को दी थी। वह खुद भी मज़े करता था और अंग्रेज़ों को भी करने देता था।   

4. कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वज़ीर अली ने अपनी हिफ़ाज़त कैसे की ?

उत्तर- वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का गुस्से में आकर कत्ल किया और अपने जानिसारों समेत आज़मगढ़ की तरफ़ भाग गया। आज़मगढ़ के हुक्म मानने वाले उनके साथियों ने उन्हें अपनी हिफ़ाजत में घागरा तक पहुँचा दिया। वहाँ से वह नेपाल पहुँचना चाहता था लेकिन वह अपने कुछ साथियों के साथ गोरखपुर के जंगलों में ही भटकते हुए अपनी हिफ़ाजत कर रहा था।

5. सवार के जाने के बाद कर्नल हक्का-बक्का क्यों रह गया?

उत्तर- वज़ीर अली ही सवार बनकर कर्नल के खेमें में प्रवेश करता है। वह कारतूस लेकर बाहर जाते समय बताता है कि “वह खुद ही वज़ीर अली है।” जिस वज़ीर अली को पकड़ने के लिए महीनों से जंगल के बाहर खेमा ड़ाले हुए थे। आज वही वज़ीर अली इनके सामने आकर कारतूस ले जाता है। उसकी इस बहाद्दुरी और जाँबाज़ी के कारण ही कर्नल हक्का - बक्का (आश्चर्यचकित) रह गया।   

ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50 से 60 शब्दों में) लिखिए-

1. लेफ़्टीनंट को ऐसा क्यों लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है?

उत्तर- वज़ीर अली ने अवध के तख्त पर बैठकर अवध से अंग्रेज़ी हुकूमत का असर खत्म ही किया था। लेकिन सआदत की मदद से जब कर्नल ने उसे अवध के तख्त से हटाया और उसे बनारस पहुँचाया तब से उसके मन में अंग्रेज़ों के खिलाफ़ नफ़रत कुट-कुटकर भरी हुई थी। कंपनी के वकील ने उसकी शिकायत सुनने की जगह उसको ही सुनाया तब वज़ीर अली ने उसे जान से मारा। वज़ीर अली ने अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-ज़मा को अंग्रेज़ों पर आक्रमण करने की दावत दी थी। अफ़गानिस्तान को हमले की दावत वज़ीर अली के पहले टीपू सुल्तान और शमसुद्दौला ने भी दी थी। अनेकों द्वारा कंपनी पर आक्रमण करके उन्हें भारत से बाहर करने के इन प्रयासों से लेफ़्टीनंट को ऐसा लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौ़ड़ गई है। 

2. वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल क्यों किया?

उत्तर- वज़ीर अली अवध का नवाब था। उसके दिल में अंग्रेज़ों के खिलाफ़ नफ़रत भरी हुई थी। वह पाँच महीने ही अवध के तख्त पर बैठा रहा होगा लेकिन इन पाँच महीनों में उसने अपनी हुकूमत से अंग्रेज़ों का वर्चस्व खत्म ही किया था। वज़ीर को अपने खिलाफ़ पाकर कर्नल ने उसे अवध के तख्त से हटाकर उसके चाचा सआअदत अली को अवध का नवाब बनाया। वज़ीर अली को उसके पद से हटाकर सालाना तीन लाख देकर बनारस भेज़ दिया गया। उसे गवर्नर जनरल ने बनारस से फ़िर कलकत्ता को भेजा तब वह इसकी शिकायत करने के लिए कंपनी के वकील के पास गया। कंपनी के वकील ने उसकी शिकायत की परवाह बिना किए उसे ही बुरा-भला सुना दिया। इस बात से गुस्सा होकर वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल किया।     

3. सवार ने कर्नल से कारतूस कैसे हासिल किए?

उत्तर- सवार ही वज़ीर अली था। वह सरपट घोड़ा दौड़ाते हुए कर्नल के खेमें के पास आता है। सिपाही से कहकर वह कर्नल को मिलने के लिए उसके खेमे के अंदर जाता है। कर्नल से अकेले में बात करनी है बोलकर वह लेफ़्टीनंट को भी बाहर भेजने की बात करता है। सवार लेफ़्टीनंट के बाहर जाने पर कर्नल से खेमा लगाने का कारण पूछता है। इस पर कर्नल वज़ीर अली को पकड़ने में मदद होने की बात करता है। सवार कर्नल का जवाब सुनते ही वज़ीर अली को पकड़ना आसान न होने की बात करते हुए उससे दस कारतूस माँगता है। कर्नल दस कारतूस माँगने का कारण जब सवार को पूछता है तब वह वज़ीर अली को पकड़ने की बात करता है। कर्नल वज़ीर अली को पकड़ने की बात सुनकर सवार को दस कारतूस देता है और उसे नाम पूछता है। सवार अपना नाम वज़ीर अली बताता है और सरपट घोड़ा दौड़ाते हुए चला जाता है। कर्नल वज़ीर अली की इस बहादुरी को देखते ही रह जाता है। 

4. वज़ीर अली एक जाँबाज़ सिपाही था। कैसे स्पष्ट कीजिए?

उत्तर- वज़ीर अली एक जाँबाज़ सिपाही था। अवध के तख्त पर बैठकर सिर्फ़ पाँच महीने हुकूमत की थी लेकिन इन महीनों में उसने अंग्रेजी सत्ता का अवध से असर पूरी तरह से खत्म किया था। लेकिन पद से हटाने के बाद भी वह रुका नहीं और अंग्रेज़ी हुकूमत को भारत से उखाड़ने में लग गया। पहले उसने कंपनी के वकील का गुस्से में आकर कत्ल कर दिया। अपने चंद जाँबाज़ सिपाहियों के साथ गोरखपुर के जंगलों में बरसों से घुम रहा था लेकिन अंग्रेजी सिपाहियों के हाथ नहीं आया। गोरखपुर के जंगलों में रहकर वह कंपनी के खिलाफ़ आक्रमण करने की योजना बना रहा था। सवार बनकर कर्नल के खेमे में जाता है और कर्नल के हाथ से कारतूस लेकर खुद ही वज़ीर अली होने की बात कहकर चला जाता है। उसकी इस बहादुरी और जाँबाज़ी के कारण हम उसे एक जाँबाज़ सिपाही कह सकते हैं।

ग) निम्नलिखित  का आशय स्पष्ट कीजिए -

1.मुट्ठीभर आदमी और ये दमखम

आशय- वजीर अली के साथ उनके चंद या मुट्ठीभर सिपाही थे मतलब बहुत ही कम थे लेकिन जाँबाज़  और दमखम मतलब बहादुर थे।  

2. गर्द तो ऐसे उड़ रही है जैसे कि पूरा एक काफ़िला चला आ रहा हो मगर मुझे तो एक ही सवार नज़र आता है।

आशय- वजीर अली कर्नल के खेमे की ओर अपने घोड़े को एकदम तेज़ दौड़ाते आ रहा था जिससे घोड़े के पैरों की धूल अधिक मात्रा में उड़ रही थी। घोड़े के पैरों की धूल से ऐसे लग रहा था जैसे बहुत सारे घोड़े एक साथ दौड़ते आ रहे हो। लेकिन गौर से देखने पर नज़र आता है कि एक ही सवार सरपट घोड़ा दौड़ाते आ रहा है। 

  


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