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संज्ञा व्याकरण.. सरल ट्रिकी .. Class 3 to 8 (Sangya Easy Tricky Notes Full marks)

 संज्ञा

* संज्ञा का अर्थ है- नाम 

* संसार की प्रत्येक सजीव तथा निर्जीव चीज़ का नाम होता है और यही नाम संज्ञा कहलाता है।

* इस व्याकरण पाठ में संज्ञा को मुख्यत: तीन भागों में बाँटा है। साथ ही संज्ञा शब्दों का पाँच भागों में वर्गीकरण किया भी देखने को मिलता है।

* हम संज्ञा के पाँच भागों के अनुसार संज्ञा शब्दों को जानने का काम करेंगे।

परिभाषा - किसी भी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी तथा भाव के नाम को ही संज्ञा कहते हैं।

* संज्ञा के पाँच भेद -

१) व्यक्तिवाचक संज्ञा 

२) जातिवाचक संज्ञा

३) भाववाचक संज्ञा

४) द्रव्यवाचक संज्ञा

५) समूहवाचक संज्ञा


ट्रिक- संज्ञा के भेदों को जानने के लिए इस ट्रिक को याद करें। नाम ही व्यक्ति, जाति में भेदभाव करते हैं। नाम का समूह

१) व्यक्तिवाचक संज्ञा - 

परिभाषा - किसी भी व्यक्ति, वस्तु तथा स्थान के नाम का बोध कराने वाले शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे- राम, लालकिला तथा दिल्ली ।

उदा. मोहन अच्छा लड़का है।

        दिल्ली हमारे देश की राजधानी है।

        नीलगाय जंगल में रहती है।

        लालकिला दिल्ली में स्थित है।


२) जातिवाचक संज्ञा - 

परिभाषा - किसी भी जाति का बोध कराने वाले शब्द जातिवाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे- लड़का, शहर तथा गाय ।

उदा. लड़का पढ़ाई कर रहा है।

         शहर में अधिक लोग रहते हैं।

         गाय जंगल में चर रही है।

         किला बहुत सुंदर है।    


३) भाववाचक संज्ञा - 

परिभाषा - किसी भी भाव का बोध कराने वाले शब्द भाववाचक संज्ञा कहलाते हैं। जैसे- खुशी, दु:ख, कमज़ोर और प्रसन्नता।

उदा. राजू बहुत खुश है।

         दादाजी बहुत कमज़ोर है।

         बच्चा डाँटने पर दु:खी हुआ।

         मुझे इतनी प्रसन्नता हो रही है।

४) द्रव्यवाचक संज्ञा - 

परिभाषा - जो संज्ञा शब्द किसी धातु, पदार्थ या द्रव्य का बोध कराते हैं, वे द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं।

उदा. राजू ने गले में सोने की चैन पहनी है।

         मोहन ने डेअरी से दूध लाया।  

         खान से कोयला निकाला गया।

         मोहन हरदिन दूध से बने पदार्थ खाता है। 

५) समूहवाचक संज्ञा - 

परिभाषा - जो संज्ञा शब्द एक ही जाति के व्यक्ति या वस्तुओं के समूह का बोध कराते हैं, वे समूहवाचक संज्ञा कहलाते हैं।

उदा. भारतीय सेना ने दुश्मनों को मौत के घाट उतारा।

         मोहन चाबियों का गुच्छा घर में ही भूल गया।    

         आज शहर में भीड़ अधिक दिख रही है।

         खेत में जानवरों का झुंड घुस गया।



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