विराम चिह्न (PUNCTUATION MARKS)
* एक मनुष्य को सतत चलते समय विराम की आवश्यकता होती है ताकि उसका प्रवास अच्छे से हो। ठीक वैसे ही भाषा बोलते या लिखते समय विश्राम की आवश्यकता होती है, जिससे भाषा में स्पष्टता एवं अर्थपूर्णता आती है। भाषा में स्थिति एवं भावों के अनुसार विराम लेते समय कुछ खास चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। इन चिह्नों को ही विराम चिह्न कहते हैं।
* सीबीएसई बोर्ड द्वारा कक्षा नौवीं के पाठ्यक्रम में विराम चिह्न का समावेश किया गया है ताकि छात्र भाषा की लिखित अभिव्यक्ति ठीक से प्रस्तुत कर सकें।
* विराम चिह्न अनेक हैं लेकिन हिन्दी में अधिकतर कुछ ही चिह्नों का प्रयोग किया जाता है। भाषा के लिखित रुप में प्रयोग किए जाने वाले तथा परीक्षाओं में अधिकतर पूछे जाने वाले चिह्नों को सरलता से जानने का प्रयास करेंगे।
* परिभाषा - भाषा के लिखित रुप में विशेष स्थान पर कुछ खास चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, वे चिह्न ही विराम-चिह्न कहलाए जाते हैं।
हिन्दी में प्रयुक्त किए जाने वाले प्रमुख चिह्न निम्नलिखित हैं-
विराम चिह्न का नाम चिह्न
१. पूर्णविराम चिह्न - ।
२. अर्धविराम चिह्न - ;
३. अल्पविराम चिह्न - ,
४. प्रश्न चिह्न - ?
५. विस्मयसूचक चिह्न - !
६. विवरण चिह्न - : , :-
७. इकहरा उद्धरण चिह्न - ‘ ---’
८. दोहरा उद्धरण चिह्न - “----”
९. लाघव चिह्न - ०
१०. योजक चिह्न - -
११. निर्देशक चिह्न - _
१२. कोष्ठक ्चिह्न - (--) {--} [--]
१३. बराबर या समानता चिह्न - =
१३. हंसपद या त्रुटिबोधक चिह्न - ^
उपर्युक्त दिए गए विराम चिह्नों को विस्तार से जानेंगे।
१. पूर्णविराम चिह्न ( । )
पूर्णविराम हमेशा वाक्य पूरा होने के बाद उसके अंत में लगता है। प्रश्नवाचक वाक्य के अलावा सभी वाक्यों में पूर्णविराम का प्रयोग किया जाता है।
उदा. मोहन बहुत ही मेहनती लड़का है। पिताजी ने नई कार खरीदी।
२. अर्धविराम चिह्न ( ; )
वाक्य में पूर्णविराम या प्रश्नचिह्न के पहले कुछ देर तक तक रुकने के लिए अर्धविराम का प्रयोग किया जाता है।अर्धविराम अधूरे वाक्य के बाद लगता है।
उदा. तुम गाना गाओ; गाना क्यों बंद किया? मुझे आप अपनी शादी में बुलाओ; मैं जरुर आऊँगा।
३. अल्पविराम चिह्न ( , )
वाक्य में अल्पविराम कम देर तक रुकने के लिए प्रयोग किया जाता है। एक दूसरे से संबंधित शब्दों के बाद इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
उदा. मोहन, राजू, रमेश, महेश और अनिकेत मैदान में खेल रहे हैं।
माँ ने दोपहर के भोजन में दाल, सब्जी, रायता और मीठा बनाया।
४. प्रश्न चिह्न ( ? )
प्रश्नवाचक वाक्य के अंत मे प्रश्न चिह्न लगता है। जिस वाक्य या शब्द द्वारा प्रश्न पूछा जाता है, वहाँ प्रश्नचिह्न लगता है।
उदा. तुम्हारा नाम क्या है? कौन? कब?
५. विस्मयसूचक चिह्न ( ! )
जिन वाक्यों में विस्मय, भय, दु:ख, खुशी केभाव प्रकट होते हैं, उन वाक्यों में विस्मयसूचक चिह्न का प्रयोग होता है।
उदा. अरे! यहाँ आना। बापरे! कितना बड़ा साँप है। वाह! क्या दृश्य है।
६. विवरण चिह्न -- : :-
उदा. विवरण चिह्न का प्रयोग संवाद लेखन करते समय या वाक्यांश के निर्देश आदि के लिए किया जाता है। अनुच्छेद तथा निबंध के विषय के बीच में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
उदा. मोबाइल : शाप या वरदान (निबंध का विषय)
राम : शाम, मुझे बहुत मेहनत करनी है।
शाम : राम, मेहनत के बिना जीवन में सफ़लता नहीं मिलती।
७. इकहरा उद्धरण चिह्न - ‘ ---’
किसी व्यक्ति का उपनाम तथा पुस्तकों के शीर्षक इकहरे उद्धरण चिह्न में लिखे जाते हैं।
उदा. तुलसीदास ने ‘रामचरितमानस’ की रचना की।
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी ने रश्मिरथी की रचना की।
८. दोहरा उद्धरण चिह्न ( “--” )
जब किसी व्यक्ति द्वारा कहा गया कथन वैसा का वैसा ही लिखा जाता है, तब उस कथन को दोहरे उद्धरण चिह्न में लिखा जाता है।
उदा. सुभाषचंद्र बोस ने कहा, “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी देता हूँ।”
अध्यापक ने कहा, “कल विद्यालय को छुट्टी रहेगी।”
९. लाघव चिह्न ( ० )
किसी भी शब्दों को संक्षिप्त में लिखने के लिए लाघव चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
उदा. डॉ० वि०दा० सावरकर
१०. योजक चिह्न ( - )
योजक चिह्न का प्रयोग विलोम शब्द या शब्दों को दोहरते समय किया जाता है। किसी चीज़ की तुलना दूसरी चीज़ से करते समय योजक चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
उदा. माता-पिता रात-दिन छोटा-सा कौन-सा रात-रात दिन-दिन
११. निर्देशक चिह्न ( -- )
निर्देशक चिह्न का प्रयोग संवाद लेखन करते समय किया जाता है। किसी के द्वारा कथन करने पर इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
उदा.
सुभाष -- आज मैं गाँव जा रहा हूँ।
मोहन -- मुझे गाँव पहुँचने पर कॉल करना।
सुभाष -- ठीक है, मैं निकलता हूँ।
१२. कोष्ठक ्चिह्न (--) {--} [--]
कोष्ठक चिह्न का प्रयोग वाक्यों में आए भावों को दर्शाने के लिए कर सकते हैं। अनेक वाक्यों को क्रमानुसार लिखने के लिए भी इस चिह्न का प्रयोग किया जाता है।
उदा.
अध्यापक :- (क्रोधित होकर) मोहन कल स्कूल क्यों नहीं आए।
होलिका (हिरण्यकश्यपु की बहन) भक्त प्रह्लाद को लेकर आग में बैठ गई।
प्रश्न (क).
प्रश्न (ख).
प्रश्न (ग).
१३. हंसपद या त्रुटिबोधक चिह्न ( ^ )
हंसपद चिह्न उस समय इस्तेमाल किया जाता है, जब कोई शब्द वाक्य लिखते समय भूलकर छुटता है। लिखते समय छूटा शब्द इस चिह्न के ऊपर लिखा जाता है।
उदा.
वंदे
सुभाष बाबू ने जोरों से^मातरम बोला।
पतंग
मोहन^उड़ा रहा था।