टोपी शुक्ला
राही मासूम रज़ा
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोंत्तर
१. इफ़्फ़न टोपी शुक्ला की कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा किस तरह से है?
उत्तर- इफ़्फ़न टोपी शुक्ला इस कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि इफ़्फ़न और टोपी शुक्ला दोनों गहरे दोस्त थे। दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे थे। इफ़्फ़न के बिना टोपी की कहानी अधूरी है। टोपी को अच्छी तरह से समझना है तो टोपी को जानना बहुत ही जरुरी है।
२. इफ़्फ़न की दादी अपने पीहर क्यों जाना चाहती थीं?
उत्तर- इफ़्फ़न की दादी पीहर जाना चाहती थीं क्योंकि ससुराल में उन खुशियों को वह प्राप्त नहीं करती जो पीहर में मिलती थी। इफ़्फ़न की दादी एक जमीनदार की बेटी थी। उसके पिताजी के घर उसे वह हर चीज़ मिलती जो वह चाहती। जैसे- दूध, घी, मक्खन, फ़ल आदि। पति एक मौलवी होने के कारण उन सभी चीजों से उसे वंचित रहना पड़ता जो बचपन में मिलती थी।
३. इफ़्फ़न की दादी अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी क्यों नहीं कर पाईं?
उत्तर- इफ़्फ़न की दादी अपने बेटे की शादी में गाने-बजाने की इच्छा पूरी नहीं कर पाई क्योंकि उसकी शादी एक मौलवी के साथ हुई थी। मौलवी के परिवार में शादी-त्योहारों में गाने बज़ाने का रिवाज़ नहीं था। मन में इन सभी इच्छाओं के होते हुए भी दादी की ये इच्छाएँ अधूरी रह जाती हैं।
४. ‘अम्मी’ शब्द पर टोपी के घरवालों की क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर- टोपी के परिवार वाले एक साथ खाना खा रहे थे तब टोपी के मुँह से अनायास ‘अम्मी’ शब्द निकला। इस शब्द को सुनने के बाद खाना खाते हुए सबके हाथ एकदम रुक गए। सभी की नज़रें टोपी पर जम गईं। घर में एक-पल के लिए ऐसे लगा जैसे भूचाल आ गया हो। घर वाले टोपी को गुस्से से भरी नज़र और घृणा से देख रहे थे। टोपी की दादी ने उसकी माँ को इस बात का जिम्मेदार ठहराते हुए खाना अधूरा छोड़ निकल गई। टोपी की माँ इस बात से गुस्सा होकर उसे खूब मारा-पीटा।
५. दस अक्तूबर सन पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन में क्या महत्व रखता है?
उत्तर- दस अक्तूबर सन पैंतालीस का दिन टोपी के जीवन को गहरा दु:ख देकर गया। इस दिन इफ़्फ़न के पिताजी का तबादला (ट्रान्सफ़र) हुआ था। इफ़्फ़न अपने पिताजी के साथ टोपी से अलग होकर मुरादाबाद गया था। टोपी और इफ़्फ़न के बीच गहरी दोस्ती थी। टोपी अपना अधिक समय इफ़्फ़न और इफ़्फ़न के घरवालों के साथ गुज़ारता रहता था। टोपी को अपने घर में जो मान-सम्मान और प्यार नहीं मिलता, उसे वह इफ़्फ़न के घर मिलता था। लेकिन इफ़्फ़न का परिवार और इफ़्फ़न उसे छोड़कर जाते हैं तो वह बिल्कुल अकेला रह जाता है। उसके मन तथा विचारों को समझने वाला कोई नहीं होता है। नए कलेक्टर के बच्चे तो उसे अपने पास भी नहीं आने देते। टोपी अपने सबसे अच्छे मित्र से बिछड़कर एकदम अकेला और उदास हो जाता है। इसलिए यह दिन टोपी के जीवन में बहुत महत्व रखता है।
६. टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कही?
उत्तर- टोपी इफ़्फ़न को अपनी दादी बदलने की बात करता है। टोपी की दादी गुसैल स्वभाव की थी। उसकी दादी उसे वह प्यार-दुलार नहीं देती थी, जो इफ़्फ़न की दादी देती थी। टोपी स्कूल के बाद अधिक समय इफ़्फ़न के घर में उसकी दादी के साथ ही बिताता था। इफ़्फ़न की दादी टोपी को भी इफ़्फ़न इतना ही प्रेम करती थी। वह उसे अनेक कहानियाँ भी सुनाती जो उसकी दादी ने कभी भी नहीं सुनाई थीं। टोपी को अपनी दादी बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती थी। एक दिन टोपी इफ़्फ़न को अपनी दादी बदलने की बात करता है। टोपी इफ़्फ़न को कहता है कि कुछ दिन मेरी दादी को तेरी दादी और तेरी दादी को मेरी दादी बना देते हैं या बदल देते हैं। लेकिन इफ़्फ़न इस बात पर कहता है कि वह मेरी अकेली की दादी नहीं है, मेरे पिताजी की भी अम्मी है।
७. पूरे घर में इफ़्फ़न को अपनी दादी से ही विशेष स्नेह क्यों था?
उत्तर- इफ़्फ़न अपने परिवारवालों से बहुत प्यार करता था लेकिन वह सबसे विशेष स्नेह अपनी दादी से ही करता था। परिवार के बाकी सदस्य कभी-कभी उसे डाँट लिया करते थे लेकिन उसकी दादी ने उसे कभी-भी नहीं डाँटा था ना ही कभी उसका दिल दुखाया था। दादी रात को सोते समय उसे हमेशा बहराम डाकू, अनार परी, बारह बुर्ज़ आदि अनेक कहानियाँ सुनाती थी। दादी की बोली तथा भाषा उसे बहुत अच्छी लगती थी। सभी दादी की बोली पर हँसते लेकिन यह कभी हँसता या मज़ाक नहीं करता था। दादी का भोलापन, स्वभाव, बोलने की शैली और सब पर स्नेह करना, उसे अच्छा लगता था इसलिए उसे दादी से विशेष स्नेह या लगाव था।
८. इफ़्फ़न की दादी के देहांत के बाद टोपी को उसका घर खाली-खाली सा क्यों लगा?
उत्तर- इफ़्फ़न की दादी के देहांत के बाद टोपी को उसका घर खाली सा लगने लगा क्योंकि दादी के होने से घर में आनंद का वातावरण बना रहता। दादी की बोली से घर में हँसी-मज़ाक बना रहता था। टोपी इफ़्फ़न के घर जाने पर अधिक समय उसकी दादी के साथ ही बिताता था। दादी उसे भी इफ़्फ़न की तरह स्नेह करती व कहानियाँ सुनाती थी। मगर दादी के देहांत के बाद उसे वह लाड़-प्यार नहीं मिल रहा था। दादी के होने से घर में एक प्रकार की रौनक हुआ करती थी। दादी के बाद इफ़्फ़न के घरवाले भी उदास से हो गए थे। सबके साथ प्यार भरा व्यवहार करने वाली दादी के चले जाने से इफ़्फ़न के घरवालों के साथ टोपी को भी घर खाली सा लगने लगा।
९. टोपी और इफ़्फ़न की दादी अलग-अलग मज़हब और जाति के थे पर एक अनजान और अटूट रिश्ते से बँधे थे। इस कथन के आलोक में अपने विचार लिखिए।
उत्तर- टोपी शुक्ला हिंदू धर्म के था। इफ़्फ़न की दादी मुसलमान थी। दोनों अलग-अलग धर्म एवं जाति के थे। लेकिन दोनों में एक अटूट रिश्ता था। उस रिश्ते का कोई नाम नहीं था और ना ही उम्र का साम्य था। एक बच्चा था तो दूसरी बूढ़ी थी। प्रेम तथा रिश्ते में धर्म, जाति तथा उम्र का कोई मतलब नहीं होता। इफ़्फ़न की दादी टोपी को भी उतना ही स्नेह या प्यार करती थी, जितना इफ़्फ़न को करती थी। टोपी को वह प्रेम, अपनापन अपने घर में नहीं मिला। लेकिन इफ़्फ़न की दादी से वह स्नेह मिलते ही टोपी का बालमन इफ़्फ़न की दादी के प्रेम, स्नेह तथा ममता की ओर आकर्षित हुआ। इफ़्फ़न की दादी भी टोपी में इफ़्फ़न का ही रुप देखती और उसे स्नेह तथा प्रेम करती। दोनों का एक-दूसरे के प्रति यह स्नेह, प्रेम या अपनापन एक अटूट रिश्ते में बँधा था, जिसमें मज़हब और जाति की दरार देखने नहीं मिलती।
१०. टोपी नौवीं कक्षा में दो बार फ़ेल हो गया। बताइए-
क) ज़हीन होने के बावजूद भी कक्षा में दो बार फ़ेल होने के क्या कारण थे
ख) एक ही कक्षा में दो-दो बार बैठने से टोपी को किन भावात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
ग) टोपी को भावात्मक परेशानियों को मद्देनज़र रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक बदलाव सुझाइए।
उत्तर- क) टोपी नौवीं कक्षा में दो बार फ़ेल हो गया, इसका मतलब यह नहीं कि वह पढ़ाई में कमज़ोर था। उसके दो बार फ़ेल होने के पीछे उसके परिवार वाले ही जिम्मेदार थे। टोपी पहली बार इसलिए फ़ेल हो गया क्योंकि जब वह पढ़ने बैठता तब उसका छोटा भाई, उसकी कॉपी तथा किताब फ़ाड़ देता था। उसकी माँ घर का तथा बड़े भाई का जरुरी सामान बाज़ार से उसे ही लाने देती। इसलिए उसे पढ़ने के लिए समय नहीं मिलता था। दूसरी बार उसे परीक्षा के समय ही टाइफ़ाइड हुआ था।
ख) एक कक्षा में दो बार बैठने से टोपी का भावनात्मक शोषण हो रहा था। उसकी कक्षा के बच्चे अगली श्रेणी में निकलने पर उसे पीछली श्रेणी के बच्चों के साथ बैठना पड़ा। उस समय तो सब उसका मज़ाक उड़ा रहे थे। शिक्षक भी कक्षा में किसी छात्र के पढ़ाई न करने या फ़ेल होने पर टोपी के फ़ेल होने का उदाहरण देते थे, जिससे उसका दिल और भी दुखी हो जाता। घर में टूटा हुआ टोपी, स्कूल में अपमानित होने से जैसे बिखर ही जाता था।
ग) टोपी को घर तथा स्कूल में भावात्मक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। मानसिक तनाव से गुज़रने वाले छात्रों के मानसिक तनाव को कम करने के लिए शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक बदलाव करने चाहिए। उन्हें परीक्षा में फ़ेल न करते हुए, न्यूनतम अंक देकर पास करना चाहिए। छात्रों पर होने वाले शारीरिक एवं मानसिक अत्याचार करने वालों के विरोध में कड़ी सजा होनी चाहिए। छात्रों की बौद्धिक क्षमता को ध्यान में रखकर पाठ्यक्रम में बदलाव करना चाहिए।
११. इफ़्फ़न की दादी के मायके का घर कस्टोडियन में क्यों चला गया?
उत्तर- इफ़्फ़न की दादी का घर कस्टोडियन में चला गया क्योंकि इफ़्फ़न के परिवार वाले भारत और पाकिस्तान विभाजन के बाद भारत छोड़कर पाकिस्तान रहने के लिए चले गए। भारत छोड़कर पाकिस्तान हमेशा रहने के लिए गए लोगों के घर का कब्ज़ा उस समय भारत सरकार कर रही थी। यही कारण से इफ़्फ़न की दादी के माइके का घर भी कस्टोडियन में चला गया।