Skip to main content

Patajhar Me Tuti Pattiyan 10 NCERT (पतझर में टूटी पत्तियाँ प्रश्नोंत्तर)

 पतझर में टूटी पत्तियाँ

१.गिन्नी का सोना    २. झेन की देन

                                                                    रवींद्र केलेकर

लेखक परिचय - 

        * रवींद्र केलेकर जी का जन्म ७ मार्च, १९२५ को कोंकण क्षेत्र में हुआ।

        * लेखक कोंकणी व मराठी में लिखते थे।

        * गोवा मुक्ति आंदोलन में हिस्सा लिया था।

        * प्रमुख रचनाएँ- जापान जसा दिसला, कोंकणीचें राजकरण, उजवाढाचे सूर, ओथांबे।

        * गोवा कला अकादमी से सम्मानित

        * मृत्यु- २०१० में हुई।

अभ्यास-प्रश्न -

मौखिक -

।) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए।

१. शुद्ध सोना और गिन्नी का सोना अलग क्यों होता है?

                                अथवा

    शुद्ध सोना और गिन्नी का सोना में क्या अंतर है?

उत्तर- शुद्ध सोना एकदम शुद्ध होता है, उसमें किसी भी प्रकार की मिलावट नहीं होती है। गिन्नी का सोना में थोड़ा-सा ताँबा मिलाया जाता है। शुद्ध सोना कम चमकता है और मुलायम होता है। गिन्नी का सोना अधिक चमकता है और मज़बूत होता है। शुद्ध सोना २४ कैरेट का होता है और गिन्नी का सोना २२ कैरेट का होता है।

२. प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट किसे कहते हैं?

उत्तर- प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट उसे कहते हैं जो आदर्शों में व्यावहारिकता को मिलाकर चलता है। शुद्ध आदर्श शुद्ध सोने जैसे होते हैं। उसमें नैतिक मूल्यों तथा सिद्धातों को बिना अलग किए व्यावहारिकता का थोड़ा-सा तांबा मिलाकर चलते हैं और समाज में टिकते हैं।

३. पाठ के संदर्भ में शुद्ध आदर्श क्या है?

उत्तर- शुद्ध आदर्श में व्यावहारिकता की मिलावट नहीं होती है। शुद्ध आदर्श शुद्ध सोने जैसे होते हैं। शुद्ध आदर्शवादी व्यक्ति व्यावहारिकता को अपने आदर्शों से दूर रखकर चलते हैं। शुद्ध आदर्शवादी लोगों के कारण समाज में शाश्वत मूल्य देखने मिलते हैं वरना व्यवहारवादी लोगों के कारण समाज को हमेशा नुकसान ही पहुँचा है।

 


  

Popular Posts

समास (Samas सरल, Tricky & Important Notes)

                                                                                                समास समास शब्द का अर्थ- ‘संक्षिप्त रुप’ मतलब दो से अधिक शब्दों को मिलाकर छोटा शब्द रुप तैयार करना। दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से नया शब्द बनता है, उसे समास कहते हैं। उदा. पाठ के लिए शाला = पाठशाला, चार राहों का समूह - ‘चौराहा’          उपर्युक्त उदाहरण में दो पद (शब्द)हैं। ये पूर्व पद (पहला शब्द) और उत्तरपद (दूसरा शब्द) कहलाते हैं। इन दो पदों को मिलाकर समस्त पद(पूरा शब्द) बनता है। जैसे- रसोई + घर = रसोईघर                        चौ(चार) + राहा (राह)  = चौराहा         पूर्व पद  + उत्तर पद  =...

Suchana Lekhan NCERT Class-10 (सूचना लेखन कक्षा - १० )

 सूचना लेखन * ‘सूचना लेखन’ पाठ का कक्षा १० वीं के हिंदी कोर्स -ब के पाठ्यक्रम में समावेश किया गया है।  * सूचना लेखन करते समय पूरे अंक लेने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है- १. सूचना लेखन करते समय सबसे पहले चौकोन आकार का बॉक्स बनाएँ। २. सबसे उपर बॉक्स के मध्य में सूचना का शीर्षक लिखें। ३. सूचना जिस संस्था द्वारा दी जा रही है, उसका पहले उपर नाम लिखें। जैसे-  विद्यालय, सोसाइटी, संस्था आदि। ४. उसकी नीचली पंक्ति के मध्य में ‘सूचना’ लिखें। ५. सूचना लिखने के बाद दाईने बाजू में दिनांक लिखें। दिनांक लिखते समय महीना हिन्दी में लिखें। सूचना लिखने की दिनांक और कार्यक्रम की दिनांक में कम से कम एक सप्ताह का अंतर रखें। कोई घटना पहले घटी है, तो  सूचना लिखने की दिनांक से पहले एक सप्ताह की दिनांक विषयवस्तु में लिखें।  ६.  सूचना लेखन की विषयवस्तु लिखते समय दिवस, दिनांक, समय, स्थल और विषय का उल्लेख करना आवश्यक है। सूचना की विषयवस्तु दो अनुच्छेदों में लिखें। विषय को बड़े अक्षरों में लिखें। ७. विषयवस्तु के बाद अंत में आपका पद और नाम लिखिए।  ८. सूचना के दो प्रा...

KAR CHALE HUM FIDA NCERT Class-10 Solutions & Summary .. (कर चले हम फ़िदा भावार्थ/प्रश्नोंत्तर ... FULL MARKS)

  कर चले हम फ़िदा                                           कैफ़ी आज़मी कवि परिचय -                          * कैफ़ी आज़मी का वास्तविक नाम अतहर हुसैन रिज़वी है।                         * जन्म- १९ जनवरी १९१९ उत्तरप्रदेश के आज़मगढ़ जिले मजमां गाँव में हुआ।                         * इनका पूरा परिवार कला क्षेत्र से जुड़ा था। प्रश्न -अभ्यास क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - १. क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है? उत्तर- हाँ, इस गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। १९६२ में भारत और चीन के बीच हुए युद्ध को ध्यान में रखकर इस गीत को लिखा गया था। चीन और भारत के इस युद्ध में भारत की हार हुई थी लेकिन भारत के जवानों ने चीन के सिपाहियों को मुँहतोड़ ज़वाब दिया था।  २. ‘सर हिमालय का हम...

रहीम के दोहे - NCERT Class 9 वीं Solutions ( Raheem ke Dohe .... Bhavath Question & Answers)

रहीम के दोहे भावार्थ- दोहा-१   रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।                टूटे से फ़िर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय॥ रहीम जी कहते हैं कि प्रेम का धागा हमें जल्दबाजी में नहीं तोड़ना चाहिए। अगर यह धागा एक बार टूटा तो दुबारा नहीं जुड़ सकता और जुड़ा भी तो वह पहले जैसे नहीं होगा बल्कि उसमें गाँठ पड़ी देखने मिलेगी। अर्थात रिश्ता एक धागे समान नाजुक और मुलायम होता है जो एक बार टुट गया तो पहले जैसा उसमें विश्वास नहीं रहेगा इसलिए हमें रिश्ते को किसी भी बात को लेकर तोड़ने नहीं देना है। जिससे हमें बाद में पछताना पड़े।   दोहा-२ रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।               सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय॥ रहीम जी कहते हैं कि हमें अपनी मन की पीड़ा को मन में ही छुपाकर रखना है। लेकिन हम अपनी मन की पीड़ा को दुसरों के सामने सहानुभूति प्राप्त करने के लिए व्यक्त करते हैं तो लोग उसे सुनकर हमारी मदद करने की बजाय हमारा मज़ाक उड़ा सकते हैं। कोई भी हमारी पीड़ा को ना लेगा ना ही दूर करेगा। इसलिए हमारी पिड़ा ...

Smriti Sanchayan Class 9 NCERT Q/A (स्मृति.. संचयन प्रश्नोंत्तर )

 स्मृति                                श्रीराम शर्मा बोध-प्रश्न १. भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में किस बात का डर था? उत्तर- भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में ड़र था क्योंकि उसके मन में बड़े भाई साहब के प्रति ड़र की भावना बनी रहती थी। जब गाँव का एक व्यक्ति उसको भाई द्वारा घर जल्दी बुलाने की बात करता है, उस वक्त वह सोच रहा था कि उसने ऐसा कौन-सा अपराध किया था कि उसको बड़े भाई ने जल्दी आने के लिए कहा। छोटे भाई को सर्दी के दिनों में घर से बाहर लेकर गया इसलिए शायद गुस्से में आकर डाँटने के लिए बुलाया होगा।   २. मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढ़ेला क्यों फ़ेंकती थी? उत्तर-  मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढेला फ़ेंकती थी क्योंकि उस कुएँ में साँप गिर पड़ा था, बच्चों को उस साँप पर ढेला फ़ेंककर उसकी फ़ुसकार सुनने की इच्छा होती थी। बच्चों को ढ़ेला फ़ेंककर साँप की फ़ुसकार सुनना बड़ा काम करने के बराबर लगता था। स्कूल आते-जात...