Skip to main content

Pad Bandh Grammer Class-10 NCERT (पदबंध व्याकरण Tricky Notes)

 पदबंध

* शब्द जब वाक्य में प्रयुक्त होता है तब पद बन जाता है। 

* दो या दो से अधिक शब्दों के सार्थक समूह को पद कहते हैं। 

* पद जब एक बंधन में बंध जाते जाते हैं तब पदबंध बन जाते हैं।

* पदों के समूह को पदबंध कह सकते हैं।

(उपर्युक्त पद या पदबंध की परिभाषाओं से एक ही बात समझ आती है कि एक या एक से अधिक पद (वाक्यांश) एक-दूसरे से संबंधित होकर अर्थ देते हैं। जैसे- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया और क्रियाविशेषण इन पदों से मिलकर पदबंध बनता है।)

नोट- परीक्षा में पदबंध पर पूछे गए प्रश्नों से हमें अधोरेखित किए वाक्यांश से संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा क्रिया-विशेषण को पहचानना होता है, वही पदबंध होता है। 

पदबंध के भेद -

१. संज्ञा पदबंध

२. सर्वनाम पदबंध

३. विशेषण पदबंध

४. क्रिया पदबंध

५. क्रिया-विशेषण पदबंध

१. संज्ञा पदबंध -

संज्ञा शब्द के स्थान पर प्रयुक्त किया गया पद-समूह, संज्ञा पदबंध कहलाता है। 

संज्ञा पदबंध पहचान -  

* अधोरेखित शब्दों का अंतिम शब्द अगर संज्ञा होता है, तो उसे संज्ञा पदबंध कह सकते हैं।

   संज्ञा के भेदों के अनुसार ये शब्द हो सकते हैं। जैसे-

* व्यक्तिवाचक संज्ञा शब्द-  राम, दिल्ली, रामायण, चेतक (घोड़े का नाम), उषा पंखा आदि ।  

* जातिवाचक संज्ञा शब्द - लड़का, शहर, पुस्तक, घोड़ा, पंखा आदि।

* भाववाचक संज्ञा शब्द - ममता, बुढ़ापा, कमज़ोर, 

* द्रव्यवाचक संज्ञा शब्द - पानी, सोना, चाँदी, कोयला, मिट्टी, दूध आदि।

* समूहवाचक शब्द- भीड़, झुंड, परिवार, ्गुच्छा, गुलदस्ता, सेना आदि।

उदाहरण - 

* सामने वाले मैदान में खेलने वाला खिलाड़ी अचानक गीर पड़ा।

* सुंदर व परिश्रमी तताँरा समुद्र किनारे टहल रहा था।

* अधिक भीड़ से महाकुंभ में अनेक लोगों की मौत हो गई।

* देश के लिए जान देने वाले सिपाही सिर पर कफ़न बाँधकर घुमते हैं।

* संयुक्त परिवार हमेशा खुश रहता है।

* मेहमान का स्वागत फ़ूलों का गुलदस्ता देकर किया गया।

* कल-कल करता हुआ पानी बह रहा है।

२. सर्वनाम पदबंध -

पदों का वह समूह जो वाक्य में सर्वनाम का काम करता है, उसे सर्वनाम पदबंध कहते हैं। 

सर्वनाम पदबंध पहचान -

* संज्ञा पदबंध की जगह सर्वनाम पदबंध का प्रयोग किया जाता है। 

* अधोरेखित वाक्यांश का आखिरी शब्द अगर सर्वनाम होता है, तो वह सर्वनाम पदबंध होता है।

* सर्वनाम पदबंध को पहचानने के लिए पहले सभी सर्वनाम शब्दों को अच्छे से जानना होगा।

* सर्वनाम के प्रकारों के अनुसार सर्वनाम शब्द हैं-

१. पुरुषवाचक सर्वनाम -

    * उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम    -  मैं, मुझे, मेरा, हम , हमारा, अपना

    * मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम   -  तू, तुझे, तेरा, तुम, तुम्हारा, आपका

    * अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम      -  वह, वे, उसका, उनका    

२. निश्चयवाचक सर्वनाम -             -  वह, वे, इसका, इनका

३. अनिश्चयवाचक शब्द                 -  कोई, कुछ

४. प्रश्नवाचक सर्वनाम                   -  कौन, कहाँ, कब, कैसे, कितना

५. निजवाचक सर्वनाम                 - स्वयं, खद, अपने-आप

६. संबंधवाचक सर्वनाम                - जो-सो, जब-तब, जैसी-वैसी  

उदाहरण - 

* वामीरो को देखकर वह  बेहोश हो गया।

* सबकी रक्षा करने वाले आप मेरी मदद क्यों नहीं करते  ।

* यह समझ लो कि तुम अपनी मेहनत से पास नहीं हुए हो। 

* जो बात शैलेंद्र में थी वही बात उनके गीतों में भी थी ।

* बचपन में ये हमारे दोस्त थे।


३. विशेषण पदबंध -

ऐसा पद-समूह जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने का काम करे, विशेषण पदबंध कहलाता है।

विशेषण पदबंध पहचान -

* अधोरेखित शब्द अगर संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाला होता है, तो वह विशेषण पदबंध कहलाता है।

* अधिकतर विशेषन शब्द वाक्य के शुरुवात में लगते हैं। वाक्य के शुरुवात में लगने वाले शब्दों को विशेषण शब्द कह सकते हैं। 

*  संज्ञा या सर्वनाम को लगकर विशेषण शब्द आता है।

* विशेषण पदबंध को जानने के लिए पहले विशेषण शब्द जानने हैं। 

* विशेषण के भेदों के अनुसार विशेषण शब्द हैं -

१. गुणवाचक विशेषण- (रंग, रुप, आकार, स्वाद, अवस्था, गुण-दोष इसमें आते हैं।) 

काला-गोरा, सुंदर-कुरुप, छोटा-बड़ा, खट्टा-मीठा, गरीब-अमीर, अच्छा-बुरा आदि।

२. संख्यावाचक विशेषण -

एक, दो, दस, सौ, बहुत लोग, कम पैसे, बहुत पेन, दरजन आदि।

३. परिमाणवाचक विशेषण

एक मीटर, चार किलो, दस ग्राम, नौ लिटर, कम लिटर, ज्यादा किलो आदि।

४. सार्वनामिक विशेषण

यह, वह, उसका, इसका, इन्हें, उन्हें , उनका आदि।


उदाहरण

१. परिश्रमी तताँरा समुद्र किनारे टहल रहा था।

२. मानव ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी।

३. राजू का भाई मोहन पढ़ाई में होशियार है।

४. राजू ने पाँच व्यक्तियों का खाना अकेले ने खाया।

५. बोल्ट सौ मीटर की दौड़ में प्रथम आया।

६. वह वामीरो ही थी जो छुपकर तताँरा को देख रही थी। 


. क्रिया पदबंध -

क्रिया पदबंध में क्रिया मुख्य होती है। जब वाक्य में अनेक क्रियापद मिलकर एक क्रिया का काम करते हैं, तब उसे क्रिया पदबंध कहते हैं। 

क्रिया पदबंध पहचान -

* क्रिया हमेशा वाक्य के अंत में होती है।

* वाक्य के आखिरी शब्द अगर अधोरेखित किए जाते हैं, तो वह क्रिया पदबंध होता है।

उदाहरण -

१. तताँरा वामीरो को देखकर अचेत हो गया।

२. पुलिस लाठियाँ चला रही थी।

३. कबूतरों ने लेखक के घर में घोंसला बना लिया था।

४. लेखक मैदान में खेलने के लिए पहुँच चुका था।

५. लेखन अपने बड़े भाई की आज्ञा का पालन करने लगा।


५. क्रियाविशेषण पदबंध - 

जब वाक्य में कई पदों का प्रयोग क्रिया की विशेषता बताने का काम करता हो, उसे क्रियाविशेषण पदबंध कहते हैं।

* क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्दों को क्रियाविशेषण कहते हैं।

क्रिया पदबंध पहचान - 

* क्रिया के बारे में विशेष जानकारी देने वाले शब्दों को अधोरेखित किया जाता है। 

* क्रिया के पहले आए शब्द को अधोरेखित किया तो वह क्रियाविशेषण पदबंध होता है।

उदाहरण- 

१. तताँरा सुबह से शाम तक मेहनत करता था।  

२. लेखक टूटती पतंग को पकड़ने के लिए तेज़ी से दौड़ पड़ता है।   

३. राकेश उस पेड़ पर बैठा है।  

४. अतिथि कल रात ग्यारह बज़े तक पहुँच जाएगा।   

५. पुलिस भयानक रुप से लाठियाँ चला रही थी।                


 

 

   

Popular Posts

समास (Samas सरल, Tricky & Important Notes)

                                                                                                समास समास शब्द का अर्थ- ‘संक्षिप्त रुप’ मतलब दो से अधिक शब्दों को मिलाकर छोटा शब्द रुप तैयार करना। दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से नया शब्द बनता है, उसे समास कहते हैं। उदा. पाठ के लिए शाला = पाठशाला, चार राहों का समूह - ‘चौराहा’          उपर्युक्त उदाहरण में दो पद (शब्द)हैं। ये पूर्व पद (पहला शब्द) और उत्तरपद (दूसरा शब्द) कहलाते हैं। इन दो पदों को मिलाकर समस्त पद(पूरा शब्द) बनता है। जैसे- रसोई + घर = रसोईघर                        चौ(चार) + राहा (राह)  = चौराहा         पूर्व पद  + उत्तर पद  =...

Suchana Lekhan NCERT Class-10 (सूचना लेखन कक्षा - १० )

 सूचना लेखन * ‘सूचना लेखन’ पाठ का कक्षा १० वीं के हिंदी कोर्स -ब के पाठ्यक्रम में समावेश किया गया है।  * सूचना लेखन करते समय पूरे अंक लेने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है- १. सूचना लेखन करते समय सबसे पहले चौकोन आकार का बॉक्स बनाएँ। २. सबसे उपर बॉक्स के मध्य में सूचना का शीर्षक लिखें। ३. सूचना जिस संस्था द्वारा दी जा रही है, उसका पहले उपर नाम लिखें। जैसे-  विद्यालय, सोसाइटी, संस्था आदि। ४. उसकी नीचली पंक्ति के मध्य में ‘सूचना’ लिखें। ५. सूचना लिखने के बाद दाईने बाजू में दिनांक लिखें। दिनांक लिखते समय महीना हिन्दी में लिखें। सूचना लिखने की दिनांक और कार्यक्रम की दिनांक में कम से कम एक सप्ताह का अंतर रखें। कोई घटना पहले घटी है, तो  सूचना लिखने की दिनांक से पहले एक सप्ताह की दिनांक विषयवस्तु में लिखें।  ६.  सूचना लेखन की विषयवस्तु लिखते समय दिवस, दिनांक, समय, स्थल और विषय का उल्लेख करना आवश्यक है। सूचना की विषयवस्तु दो अनुच्छेदों में लिखें। विषय को बड़े अक्षरों में लिखें। ७. विषयवस्तु के बाद अंत में आपका पद और नाम लिखिए।  ८. सूचना के दो प्रा...

रहीम के दोहे - NCERT कक्षा ९ वीं ( Raheem .... आशय एवं सरल Notes )

रहीम के दोहे भावार्थ- दोहा-१   रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।                टूटे से फ़िर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय॥ रहीम जी कहते हैं कि प्रेम का धागा हमें जल्दबाजी में नहीं तोड़ना चाहिए। अगर यह धागा एक बार टूटा तो दुबारा नहीं जुड़ सकता और जुड़ा भी तो वह पहले जैसे नहीं होगा बल्कि उसमें गाँठ पड़ी देखने मिलेगी। अर्थात रिश्ता एक धागे समान नाजुक और मुलायम होता है जो एक बार टुट गया तो पहले जैसा उसमें विश्वास नहीं रहेगा इसलिए हमें रिश्ते को किसी भी बात को लेकर तोड़ने नहीं देना है। जिससे हमें बाद में पछताना पड़े।   दोहा-२ रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।               सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय॥ रहीम जी कहते हैं कि हमें अपनी मन की पीड़ा को मन में ही छुपाकर रखना है। लेकिन हम अपनी मन की पीड़ा को दुसरों के सामने सहानुभूति प्राप्त करने के लिए व्यक्त करते हैं तो लोग उसे सुनकर हमारी मदद करने की बजाय हमारा मज़ाक उड़ा सकते हैं। कोई भी हमारी पीड़ा को ना लेगा ना ही दूर करेगा। इसलिए हमारी पिड़ा ...

KAR CHALE HUM FIDA NCERT Class-10 Solutions & Summary .. (कर चले हम फ़िदा भावार्थ/प्रश्नोंत्तर ... FULL MARKS)

  कर चले हम फ़िदा                                           कैफ़ी आज़मी कवि परिचय -                          * कैफ़ी आज़मी का वास्तविक नाम अतहर हुसैन रिज़वी है।                         * जन्म- १९ जनवरी १९१९ उत्तरप्रदेश के आज़मगढ़ जिले मजमां गाँव में हुआ।                         * इनका पूरा परिवार कला क्षेत्र से जुड़ा था। प्रश्न -अभ्यास क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - १. क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है? उत्तर- हाँ, इस गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। १९६२ में भारत और चीन के बीच हुए युद्ध को ध्यान में रखकर इस गीत को लिखा गया था। चीन और भारत के इस युद्ध में भारत की हार हुई थी लेकिन भारत के जवानों ने चीन के सिपाहियों को मुँहतोड़ ज़वाब दिया था।  २. ‘सर हिमालय का हम...

Smriti Sanchayan Class 9 NCERT Q/A (स्मृति.. संचयन प्रश्नोंत्तर )

 स्मृति                                श्रीराम शर्मा बोध-प्रश्न १. भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में किस बात का डर था? उत्तर- भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में ड़र था क्योंकि उसके मन में बड़े भाई साहब के प्रति ड़र की भावना बनी रहती थी। जब गाँव का एक व्यक्ति उसको भाई द्वारा घर जल्दी बुलाने की बात करता है, उस वक्त वह सोच रहा था कि उसने ऐसा कौन-सा अपराध किया था कि उसको बड़े भाई ने जल्दी आने के लिए कहा। छोटे भाई को सर्दी के दिनों में घर से बाहर लेकर गया इसलिए शायद गुस्से में आकर डाँटने के लिए बुलाया होगा।   २. मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढ़ेला क्यों फ़ेंकती थी? उत्तर-  मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढेला फ़ेंकती थी क्योंकि उस कुएँ में साँप गिर पड़ा था, बच्चों को उस साँप पर ढेला फ़ेंककर उसकी फ़ुसकार सुनने की इच्छा होती थी। बच्चों को ढ़ेला फ़ेंककर साँप की फ़ुसकार सुनना बड़ा काम करने के बराबर लगता था। स्कूल आते-जात...