Skip to main content

Kya Nirash Huaa Jaye..NCERT Class- 8 Question/Answer ( क्या निराश हुआ जाए...प्रश्नोंत्तर)

 क्या निराश हुआ जाए

                                                                    हजारी प्रसाद द्विवेदी

प्रश्न-अभ्यास 

१. लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फ़िर भी वह निराश नहीं है। आपके विचार से इस बात का क्या कारण हो सकता है?

उत्तर- लेखक ने पाठ में बताया है कि लोगों ने समय-समय पर उन्हें भी ठगा तथा धोखा दिया है। लेकिन लेखक निराश नहीं हैं। लेखक का मानना है कि समाज में ऐसी कुछ बाते हैं जो हमें निराश कर सकती हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ईमानदारी तथा अच्छाई पूरी तरह खत्म हो गई है। धोखेबाज़ी या ठगी बातों के बारे में अगर हम अधिक सोचते रहेंगे तो हमारे मन में ईमानदारी के प्रति संदेह होगा। समाज में ऐसी भी बहुत-सी बातें हैं, जिन्हें हम देखकर यह सोच सकते हैं कि ईमानदारी तथा सच्चाई आज भी समाज में देखने मिलती है । टिकट बाबू द्वारा लेखक के पैसे लौटाने वाली घटना या बस कंडक्टर द्वारा यात्रियों की मदद करने वाली घटनाएँ लेखक के निराश मन में यह उम्मीद जगाती है कि नैतिकता समाज में अभी-भी है और आगे भी रहेगी इसलिए वह निराश नहीं होना चाहते हैं। 

२. दोषों का पर्दाफ़ाश करना कब बुरा रुप ले सकता है?

उत्तर- दोषों का पर्दाफ़ाश करना अच्छी बात है। लेकिन दोषों का पर्दाफ़ाश करना या दिखाना बुरा रुप तब ले सकता है जब आप दूसरे के दोषों को दिखाकर उसमें उनको अपमानित करने हेतु रस लेते हो। लेखक का मानना है कि दोषों को दिखाए ताकि उन्हें सुधारा जा सकें। अगर आप उन दोषों को सुधारने की बजाय उनसे आनंद लेंगे तो यह बुरी बात है। 

३. आजकल के बहुत से समाचार पत्र या समाचार चैनल ‘दोषों का पर्दाफ़ाश’ कर रहे हैं। इस प्रकार के समाचारों और कार्यक्रमों की सार्थकता पर तर्क सहित विचार कीजिए। 

उत्तर- आजकल अनेक समाचार पत्र या समाचार चैनल हरदिन समाज में हो रहीं बुरी घटनाओं या दोषों का पर्दाफ़ाश करते नज़र आ रहे हैं। ये समाचार पत्र दोषों का पर्दाफ़ाश करते हुए समाज को धोखेबाज़ी से सतर्क करने का प्रयास कर रहे हैं। समाचार पत्रों या समाचार चैनल के कारण लोगों में जागृति लाई जा रही है, जिससे लोग सावधान होकर हर क्षेत्र में फ़ँसने से बच रहे हैं।

४. लेखक ने लेख का शीर्षक ‘क्या निराश हुआ जाए’ क्यों रखा होगा? क्या आप इससे भी बेहतर शीर्षक सुझा सकते हैं?

उत्तर- लेखक ने पाठ का शीर्षक ‘क्या निराश हुआ जाए’ इसलिए रखा होगा क्योंकि जो लोग समाज में घट रही बुरी या दोषभरी घटनाओं को देखकर निराश हो रहे हैं, उनमें वे ढाँढ़स बँधाना चाहते हैं कि समाज में आज भी ईमानदारी है। निराश मन में आशा की ज्योति जगाकर भारतवर्ष को महान बनाने का कार्य करना चाहते हैं।

‘क्या निराश हुआ जाए’ इस शीर्षक की जगह हम ‘हे मन! निराश मत बन’ रख सकते हैं।

५. ‘क्या निराश हुआ जाए’ के बाद कोई विराम चिह्न लगाने के लिए कहा जाए तो आप दिए गए चिह्नों में से कौन-सा चिह्न लगाएँगे? अपने चुनाव का कारण भी बताइए-

उत्तर- ‘क्या निराश हुआ जाए’ के बाद प्रश्न चिह्न लगाने से पाठ का शीर्षक सार्थक लगेगा और व्याकरणिक दृष्टि से भी शुद्धता होगी। प्रश्न चिह्न लगाने के बाद ‘क्या निराश हुआ जाए?’ यह शीर्षक पाठकों को अधिक गहराई से सोचने के लिए मज़बूर करेगा जिससे समाज में नैतिकता निर्माण करने के लिए अनेक विचार जन्म ले सकते हैं। 

६. “आदर्शों की बातें करना तो बहुत आसान है पर उन पर चलना बहुत कठिन है।” क्या आप इस बात से सहमत हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

उत्तर- “आदर्शों की बातें करना तो बहुत आसान है, पर उन पर चलना बहुत कठिन है।” इस बात से मैं सहमत हूँ क्योंकि मन में विचार लाना और शरीर के अवयवों द्वारा उनको कृति में लाना इसमें बहुत अंतर होता है। मन में आए विचारों को प्रकट करते समय प्रत्यक्ष रुप से आने वाली समस्याओं से हम परिचित नहीं होते हैं, जिससे अचानक निर्माण होने वाली समस्याओं को सहना और उससे बाहर निकलना बहुत कठिन काम होता है। आदर्शों से भरी बातों को लेकर चलते समय समाज के विरोध, समस्या, दु:ख तथा तकलीफ़ों का सामना करना पड़ता है इसलिए आदर्शों की बातों पर चलना कठिन काम होता है।  


Popular Posts

रहीम के दोहे - NCERT कक्षा ९ वीं ( Raheem .... आशय एवं सरल Notes )

रहीम के दोहे भावार्थ- दोहा-१   रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।                टूटे से फ़िर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय॥ रहीम जी कहते हैं कि प्रेम का धागा हमें जल्दबाजी में नहीं तोड़ना चाहिए। अगर यह धागा एक बार टूटा तो दुबारा नहीं जुड़ सकता और जुड़ा भी तो वह पहले जैसे नहीं होगा बल्कि उसमें गाँठ पड़ी देखने मिलेगी। अर्थात रिश्ता एक धागे समान नाजुक और मुलायम होता है जो एक बार टुट गया तो पहले जैसा उसमें विश्वास नहीं रहेगा इसलिए हमें रिश्ते को किसी भी बात को लेकर तोड़ने नहीं देना है। जिससे हमें बाद में पछताना पड़े।   दोहा-२ रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।               सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय॥ रहीम जी कहते हैं कि हमें अपनी मन की पीड़ा को मन में ही छुपाकर रखना है। लेकिन हम अपनी मन की पीड़ा को दुसरों के सामने सहानुभूति प्राप्त करने के लिए व्यक्त करते हैं तो लोग उसे सुनकर हमारी मदद करने की बजाय हमारा मज़ाक उड़ा सकते हैं। कोई भी हमारी पीड़ा को ना लेगा ना ही दूर करेगा। इसलिए हमारी पिड़ा ...

एवरेस्ट मेरी शिखर यात्रा (कक्षा ९ सी.बी,एस.ई.) Everest...... Topic Question Answer

                                                                                 एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा                                                                                     बचेंद्री पाल मौखिक प्रश्न निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए। १) अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था? उत्तर- अग्रिम दल का नेतृत्व उपनेता प्रेमचंद कर रहा था। २) लेखिका को सागरमाथा नाम क्यों अच्छा लगा? उत्तर- लेखिका को सागरमाथा यह नाम इसलिए अच्छा लगा क्योंकि सागर को शरीर मानकर एवरेस्ट को उसके माथ...

शब्द- विचार 9 class (Shabd -Vichar ... Tricky notes)

  शब्द- विचार ·        वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं। ·        दो या दो से अधिक वर्णों के सार्थक मेल से शब्द बनता है। ·        शब्द एक स्वतंत्र सार्थक इकाई है। उदा. क+म+ल= कमल        आ+म= आम                                                               शब्द वर्गीकरण ·        भाषा पर प्रभुत्व पाने के लिए शब्द-भंडार की आवश्यकता होती है। भाषा निर्माण में प्रयोग होनेवाले इस शब्द-भंडार का अलग-अलग आधार पर विभाजन किया है।   अ)   अर्थ के आधार पर                 आ) उत्पत्ति/स्त्रोत के आधार पर इ)  रचना के आधार पर ई)    प्रयोग के आधार पर...

संधि 9 Class ( Sandhi...Tricky notes .....संधि कभी नहीं भूलेंगे।)

                                                                                                 संधि संधि शब्द का अर्थ - मेल होता है। दो वर्णों के मेल से जो परिवर्तन होता है, उसे संधि कहते हैं। उदा. विद्या+आलय(घर)= विद्यालय * संधि शब्दों को अलग-अलग करना संधि-विच्छेद कहलाता है। उदा. सूर्योदय= सूर्य+उदय संधि के तीन भेद होते हैं।    १) स्वर संधि               २) व्यंजन संधि              ३) विसर्ग संधि  १) स्वर संधि परिभाषा- स्वर में स्वर मिलने पर शब्द में होने वाला परिवर्तन(बदलाव) स्वर संधि कहलाता है। जैसे- हिम +आलय=हिमालय     (अ+आ=आ)       ...

वार्षिक परीक्षा के प्रश्न-पत्र की रुपरेखा CBSE 9 (Annual Exam QP ...Pattern 2025-26)

  वार्षिक परीक्षा के प्रश्न-पत्र की रुपरेखा खंड – क ( अपठित बोध ) पाठ्यक्रम अंक  कुल अंक 1. अपठित गद्यांश पर  बहुविकल्पीय एवं लघूत्तरात्मक प्रश्न 14 i. दो   अपठित गद्यांश   पर  एक अंक के   तीन बहुविकल्पी प्रश्न (1×3= 3) पूछे जाएँगे तथा  लघूत्तरात्मक प्रश्न (2×2=4) पूछे जाएँगे 7+7 खंड  –  ख  ( व्यावहारिक   व्याकरण ) 2. व्याकरण   पर अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न |  कुल 20 प्रश्नों  में से केवल 16 प्रश्नों के उत्तर देने होंगे।     i. शब्द और पद                                              (3 में से 2 प्रश्न ) (1×2=2) 16 ii. अनुस्वार , ...