Skip to main content

मनुष्यता पद्य Class-10 NCERT प्रश्नोंत्तर (Manushyata Question & Answer सरल एवं सटिक )

 मनुष्यता

                                                मैथिलीशरण गुप्त 

कवि परिचय- 

                    * झांँसी के करीब चिरगाँव में १८८६ में हुआ।

                   * मैथिलीशरण गुप्त जी को गांधीजी ने ‘राष्ट्रकवि’ उपाधि दी।

                   * साहित्य राष्ट्रप्रेम की भावना  से ओतप्रोत

                    * प्रमुख रचनाएँ-साकेत, जयद्रथ-वध , यशोधरा

                    * गुप्त जी की साहित्यिक भाषा खड़ीबोली


पाठ्यपुस्तक प्रश्न-अभ्यास

क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

१. कवि ने कैसी मृत्यु को सुमृत्यु कहा है?

उत्तर-  कवि ने सुंदर मृत्यु को ही सुमृत्यु कहा है। जो मृत्यु दुसरों की भलाई करते हुए प्राप्त होती है तथा मृत्यु के बाद भी जिसे याद किया जाता है, वह सुमृत्यु होती है। 

२. उदार व्यक्ति की पहचान कैसे हो सकती है?

उत्तर - उदार व्यक्ति की पहचान उसके कार्यों से होती है। जो व्यक्ति अपने लिए न जीकर दुसरों के लिए जीता है, उसकी पहचान युगों-युगों तक बनी रहती है। उदारवादी व्यक्ति को जब समस्त सृष्टि पूजती है तब उनकी पहचान होती है। कथा जब सरस्वती बखानती है तो भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को उनकी पहचान होती है। अखंड आत्मीय भाव असीम विश्व में भरने वाले उन उदार व्यक्तियों की पहचान सतत होती रहती है।

३. कवि ने दधीचि, कर्ण  आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर मनुष्यता के लिए क्या संदेश दिया है? 

उत्तर- कवि दधीचि, कर्ण इन महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर यह संदेश देना चाहते हैं कि मनुष्य को अपना जीवन मनुष्य की भलाई के लिए त्यागना पड़े तो भी पीछे नहीं हटना चाहिए। मनुष्य में परोपकार की भावना होनी चाहिए जैसे दधिचि, कर्ण आदि व्यक्तियों में थी। दधिचि ऋषि ने संपूर्ण दुनिया की भलाई के लिए अपनी हड्डियाँ दान में दी। कर्ण इतने दानवीर थे कि उन्होंने कवच और कुंड़ल को अपने शरीर के चमड़े सहित दान में दिया। अत: कवि यही कहना चाहते हैं कि नश्वर शरीर की बिना चिंता किए मनुष्य की भलाई के लिए इसे त्यागना पड़े तो भी पीछे नहीं हटना चाहिए।

४. कवि ने किन पंक्तियों में यह व्यक्त किया है कि हमें गर्व-रहित जीवन व्यतीत करना चाहिए ? 

उत्तर- “रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में,

             सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में।” 

इन पंक्तियों द्वारा कवि कहना चाहते हैं कि हमें पैसे को लेकर मन में अहंकार नहीं पालना चाहिए। हमें पैसों के कारण अपने आप को सब का नाथ (स्वामी) समझकर हृदय में गर्व नहीं पालना चाहिए। 

५. ‘मनुष्य मात्र बंधु है’ से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।  

उत्तर- ‘मनुष्य मात्र बंधु है’ का तात्पर्य है कि इस धरती पर रहने वाले सभी मनुष्य एक-दूसरे के भाई हैं क्योंकि हम सब भगवान की संतानें हैं। इस सृष्टि का निर्माता स्वयं परम पिता परमेश्वर हैं, इसलिए हमें आपसी भेदभाव मिटाकर एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर प्रेम के साथ रहना चाहिए। 

६. कवि ने सबको एक होकर चलने की प्रेरणा क्यों दी है?  

उत्तर- कवि ने सबको एक होकर चलने की प्रेरणा दी है क्योंकि एक होकर चलने से हर एक काम में सफ़लता मिलती है। एक होकर चलने से ही जीवन में आने वाले हर विघ्न तथा बाधा पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। सभी एक होकर कोई भी कार्य करने से काम में सफ़लता तो मिलती है, साथ ही आपसी प्रेमभाव भी बढ़ता है।

७. व्यक्ति को किस प्रकार का जीवन व्यतीत करना चाहिए? इस कविता के आधार पर लिखिए।  

उत्तर- व्यक्ति को जीवन में तय किए हुए रास्ते पर हँसते-खेलते तथा रास्ते में आने वाली बाधाओं एवं संकटों को ढ़कलते हुए आगे बढ़ना चाहिए। व्यक्ति को आगे बढ़ते समय एक-दूसरे का साथ देते और भलाई करते हुए बढ़ना चाहिए। मनुष्य के प्रति बंधुत्व की भावना से परोपकार करते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए।

८. ‘मनुष्यता’ कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?  

उत्तर- मनुष्यता कविता के माध्यम से कवि यह संदेश देना चाहता है कि मनुष्य को एक ही बार यह जन्म मिलता है। इस जन्म को हमें सत्कर्मी लगाना चाहिए। मनुष्य को संसार की भलाई करते हुए सुमृत्यु प्राप्त करनी चाहिए। मनुष्य दया तथा सहानुभूति इन गुणों से पूरी दुनिया को अपना बना सकता है। मनुष्य विश्वबंधुत्व की भावना अपनाता है तो उसकी कथा सरस्वती बखानेगी, सृष्टि पूजा करेगी तथा धरती कृतार्थ भाव व्यक्त करेगी। कवि का कहना है कि जो मनुष्य की भलाई को सर्वोपरी रखता है, वह अमर होता है और उसी को मनुष्य कहा जाता है।



Popular Posts

समास (Samas सरल, Tricky & Important Notes)

                                                                                                समास समास शब्द का अर्थ- ‘संक्षिप्त रुप’ मतलब दो से अधिक शब्दों को मिलाकर छोटा शब्द रुप तैयार करना। दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से नया शब्द बनता है, उसे समास कहते हैं। उदा. पाठ के लिए शाला = पाठशाला, चार राहों का समूह - ‘चौराहा’          उपर्युक्त उदाहरण में दो पद (शब्द)हैं। ये पूर्व पद (पहला शब्द) और उत्तरपद (दूसरा शब्द) कहलाते हैं। इन दो पदों को मिलाकर समस्त पद(पूरा शब्द) बनता है। जैसे- रसोई + घर = रसोईघर                        चौ(चार) + राहा (राह)  = चौराहा         पूर्व पद  + उत्तर पद  =...

Suchana Lekhan NCERT Class-10 (सूचना लेखन कक्षा - १० )

 सूचना लेखन * ‘सूचना लेखन’ पाठ का कक्षा १० वीं के हिंदी कोर्स -ब के पाठ्यक्रम में समावेश किया गया है।  * सूचना लेखन करते समय पूरे अंक लेने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है- १. सूचना लेखन करते समय सबसे पहले चौकोन आकार का बॉक्स बनाएँ। २. सबसे उपर बॉक्स के मध्य में सूचना का शीर्षक लिखें। ३. सूचना जिस संस्था द्वारा दी जा रही है, उसका पहले उपर नाम लिखें। जैसे-  विद्यालय, सोसाइटी, संस्था आदि। ४. उसकी नीचली पंक्ति के मध्य में ‘सूचना’ लिखें। ५. सूचना लिखने के बाद दाईने बाजू में दिनांक लिखें। दिनांक लिखते समय महीना हिन्दी में लिखें। सूचना लिखने की दिनांक और कार्यक्रम की दिनांक में कम से कम एक सप्ताह का अंतर रखें। कोई घटना पहले घटी है, तो  सूचना लिखने की दिनांक से पहले एक सप्ताह की दिनांक विषयवस्तु में लिखें।  ६.  सूचना लेखन की विषयवस्तु लिखते समय दिवस, दिनांक, समय, स्थल और विषय का उल्लेख करना आवश्यक है। सूचना की विषयवस्तु दो अनुच्छेदों में लिखें। विषय को बड़े अक्षरों में लिखें। ७. विषयवस्तु के बाद अंत में आपका पद और नाम लिखिए।  ८. सूचना के दो प्रा...

KAR CHALE HUM FIDA NCERT Class-10 Solutions & Summary .. (कर चले हम फ़िदा भावार्थ/प्रश्नोंत्तर ... FULL MARKS)

  कर चले हम फ़िदा                                           कैफ़ी आज़मी कवि परिचय -                          * कैफ़ी आज़मी का वास्तविक नाम अतहर हुसैन रिज़वी है।                         * जन्म- १९ जनवरी १९१९ उत्तरप्रदेश के आज़मगढ़ जिले मजमां गाँव में हुआ।                         * इनका पूरा परिवार कला क्षेत्र से जुड़ा था। प्रश्न -अभ्यास क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - १. क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है? उत्तर- हाँ, इस गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। १९६२ में भारत और चीन के बीच हुए युद्ध को ध्यान में रखकर इस गीत को लिखा गया था। चीन और भारत के इस युद्ध में भारत की हार हुई थी लेकिन भारत के जवानों ने चीन के सिपाहियों को मुँहतोड़ ज़वाब दिया था।  २. ‘सर हिमालय का हम...

रहीम के दोहे - NCERT Class 9 वीं Solutions ( Raheem ke Dohe .... Bhavath Question & Answers)

रहीम के दोहे भावार्थ- दोहा-१   रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।                टूटे से फ़िर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय॥ रहीम जी कहते हैं कि प्रेम का धागा हमें जल्दबाजी में नहीं तोड़ना चाहिए। अगर यह धागा एक बार टूटा तो दुबारा नहीं जुड़ सकता और जुड़ा भी तो वह पहले जैसे नहीं होगा बल्कि उसमें गाँठ पड़ी देखने मिलेगी। अर्थात रिश्ता एक धागे समान नाजुक और मुलायम होता है जो एक बार टुट गया तो पहले जैसा उसमें विश्वास नहीं रहेगा इसलिए हमें रिश्ते को किसी भी बात को लेकर तोड़ने नहीं देना है। जिससे हमें बाद में पछताना पड़े।   दोहा-२ रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।               सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय॥ रहीम जी कहते हैं कि हमें अपनी मन की पीड़ा को मन में ही छुपाकर रखना है। लेकिन हम अपनी मन की पीड़ा को दुसरों के सामने सहानुभूति प्राप्त करने के लिए व्यक्त करते हैं तो लोग उसे सुनकर हमारी मदद करने की बजाय हमारा मज़ाक उड़ा सकते हैं। कोई भी हमारी पीड़ा को ना लेगा ना ही दूर करेगा। इसलिए हमारी पिड़ा ...

Smriti Sanchayan Class 9 NCERT Q/A (स्मृति.. संचयन प्रश्नोंत्तर )

 स्मृति                                श्रीराम शर्मा बोध-प्रश्न १. भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में किस बात का डर था? उत्तर- भाई के बुलाने पर घर लौटते समय लेखक के मन में ड़र था क्योंकि उसके मन में बड़े भाई साहब के प्रति ड़र की भावना बनी रहती थी। जब गाँव का एक व्यक्ति उसको भाई द्वारा घर जल्दी बुलाने की बात करता है, उस वक्त वह सोच रहा था कि उसने ऐसा कौन-सा अपराध किया था कि उसको बड़े भाई ने जल्दी आने के लिए कहा। छोटे भाई को सर्दी के दिनों में घर से बाहर लेकर गया इसलिए शायद गुस्से में आकर डाँटने के लिए बुलाया होगा।   २. मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढ़ेला क्यों फ़ेंकती थी? उत्तर-  मक्खनपुर पढ़ने जाने वाली बच्चों की टोली रास्ते में पड़ने वाले कुएँ में ढेला फ़ेंकती थी क्योंकि उस कुएँ में साँप गिर पड़ा था, बच्चों को उस साँप पर ढेला फ़ेंककर उसकी फ़ुसकार सुनने की इच्छा होती थी। बच्चों को ढ़ेला फ़ेंककर साँप की फ़ुसकार सुनना बड़ा काम करने के बराबर लगता था। स्कूल आते-जात...