वाक्य-भेद
वाक्य - दो-से अधिक सार्थक शब्दों का मेल मतलब वाक्य।
* वाक्य को दो भागों में बाँटा गया है- क) अर्थ के आधार पर ख) रचना के आधार पर
क) अर्थ के आधार पर वाक्य-भेद । (आठ हैं)
१. विधानवाचक वाक्य :
जिन वाक्यों में किसी काम के होने की जानकारी मिलती है, उसे विधानवाचक वाक्य कहते हैं।
उदा. राजू पढ़ाई करता है। पक्षी आसमान में उड़ते हैं।
२. निषेधवाचक वाक्य :
जिन वाक्यों में किसी काम के न होने की जानकारी मिलती है, उसे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।
उदा. राजू पढ़ाई नहीं करता है। पक्षी आसमान में उड़ते नहीं है।
३) आज्ञावाचक वाक्य :
जिन वाक्यों में किसी को काम करने की आज्ञा दी जाती है या उपदेश दिया जाता है, उसे आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं।
उदा. अपने घरवालों की मदद करना। पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ लगाओ।
४) प्रश्नवाचक वाक्य :
जिन वाक्यों में प्रश्न पूछा जाता है या प्रश्न चिह्न प्रयुक्त किया जाता है, वह आज्ञावाचक वाक्य होता है।
५) इच्छावाचक वाक्य :
जिस वाक्य में आशीर्वाद, इच्छा तथा किसी के शुभचिंतक बनकर कोई बात प्रकट करते हो, तब वह वाक्य इच्छावचक होता है।
उदा. भगवान आपको लंबी उम्र दें। सदा सुखी रहो।
६) संदेहवाचक वाक्य :
जिन वाक्यों में कोई काम हुआ या नहीं इस बात पर शक या संदेह होता है, वह वाक्य संदेह वाचक वाक्य होता है।
उदा. शायद कल बारिश होगी। पिताजी घर वापस आए होंगे।
७) विस्मयवाचक वाक्य :
जिन वाक्यों में आश्चर्य व्यक्त करने जैसे भाव प्रकट होते हैं, जैसे- डर, खुशी, तिरस्कार, द्वेष, आश्चर्य आदि भाव। तथा जिन वाक्यों में विस्मयादिबोधक चिह्न (!) होता है, वे वाक्य विस्मयसूचक वाक्य होते हैं।
उदा. बापरे! कितना भयानक साँप है। वाह! क्या अच्छा काम किया है।
८) संकेतवाचक वाक्य :
जिन वाक्यों में एक वाक्य दूसरे वाक्य पर निर्भर रहता है या एक काम दूसरे काम पर निर्भर रहता है, वे संकेतवाचक वाक्य होते हैं।
उदा. यदि पढ़ाई करते तो पास हो जाते। मेहनत करोगे तो फ़ल मिलेगा।
ब) रचना के आधार पर तीन वाक्य होते हैं
१) सरल वाक्य : राजू खाना खा रहा है।
२) संयुक्त वाक्य : राजू घर आया और सो गया।
३) मिश्र वाक्य : जब राजू घर आया तब सो गया।
(ये हम कक्षा १० वीं की रचना के आधार पर वाक्य रुपांतरण इस पाठ में विस्तार से पढ़ सकते हैं)