तताँरा-वामीरो कथा
लीलाधर मंडलोई
अभ्यास प्रश्न-पत्र
मौखिक
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए।
प्रश्न १. तताँरा-वामीरो कहाँ की कथा है?
उत्तर- तताँरा- वामीरो कथा अंदमान-निकोबार द्वीप समूह की कथा है।
प्रश्न २. वामीरो अपना गाना क्यों भूल गई?
उत्तर- वामीरो समुद्र की सुंदरता में खोकर गाना रही थी। तभी अचानक समुद्र से एक ऊँची लहर उठी और वामीरो के शरीर को भिगो गई जिससे हड़बडाहट में वामीरो गाना भूल गई।
प्रश्न ३. तताँरा ने वामीरो से याचना भरे स्वर में क्या कहा?
उत्तर- तताँरा ने वामीरो को याचना भरे स्वर में कहा कि “ कल मैं इसी चट्टान पर तुम्हारा इंतज़ार करुँगा तुम जरुर आना।”
प्रश्न ४. तताँरा और वामीरो के गाँव की क्या रीति थी?
उत्तर- तताँरा और वामीरो के गाँव की यह रीति थी कि वे अपने गाँव के अलावा किसी अन्य गाँव में वैवाहिक संबंध नहीं बनाते थे। ऐसा करना उनकी परंपरा के विरुद्ध था।
प्रश्न ५. क्रोध में तताँरा ने क्या किया?
उत्तर- तताँरा ने अपने क्रोध का शमन करने के लिए कमर में बँधी तलवार निकाली और पूरी शक्ति से उसे जमीन में घोंप दिया।
लिखित
क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (२५-३० शब्दों में लिखिए-
१) तताँरा की तलवार के बारे में लोगों का क्या मत था?
उत्तर- तताँरा अपनी कमर में हमेशा एक लकड़ी की तलवार बाँधे रहता था। समूचे द्वीपवासियों के लिए यह तलवार एक विलक्षण रहस्य बनी थी। लोगों का मत था कि लकड़ी की होने के बावज़ूद उस तलवार में अद्भुत दैवीय शक्ति है। साथ ही तलवार के होने से ही तताँरा साहसिक कारनामें करता था।
२) वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से क्या जवाब दिया?
उत्तर- तताँरा जब वामीरो को गाना गाने की विनती कर रहा था तब वामीरो ने तताँरा को बेरुखी से जवाब देते हुए कहा कि “तुम कौन हो? इस तरह मुझे घूरने और इस असंगत प्रश्न का कारण? अपने गाँव के अलावा किसी और गाँव के युवक के प्रश्नों के उत्तर देने के लिए मैं बाध्य नहीं ।”
३) तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु से निकोबार में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर- तताँरा-वामीरो की त्यागमयी मृत्यु का कारण निकोबारी परंपरा थी। यह वही समाज विघातक परंपरा थी कि जिसके चलते इन दोनों की मृत्यु के बाद अपने गांँव के आलावा दूसरे गाँव में भी आपसी वैवाहिक संबंध करने लगे।
४) निकोबार के लोग तताँरा को क्यों पसंद करते थे?
उत्तर- निकोबारी लोग तताँरा को उसके साहस, नेक, मददगार तथा परिश्रमी इन गुणों के कारण अधिक पसंद करते थे। तताँरा हमेशा दूसरों की सहायता करने के लिए आगे रहता था तथा संपूर्ण द्वीपवासियों की सेवा करना अपना कर्तव्य समझता था। उसके आत्मीय स्वभाव के कारण लोग उसके करीब रहना पसंद करते थे।
ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (५०-६०) शब्दों में उत्तर लिखिए।
१) निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में निकोबारियों का क्या विश्वास है?
उत्तर- निकोबार द्वीपसमूह के विभक्त होने के बारे में तताँरा-वामीरो से जुड़ी लोककथा है, जो आज भी वहाँ दोहराई जाती है। सदियों पहले कार निकोबार और लिटिल अंदमान आपस में जुड़े थे। तताँरा-वामीरो का प्रेम परंपरा के विरुद्ध होने से गाँववालों ने उनका विरोध किया। तताँरा को सभी लोगों के सामने अपमानित करने पर उसने कमर में बँधी लकड़ी की तलवार से जमीन को चिरते हुए दो टुकड़ों में विभाजित किया। जिससे यह द्वीपसमूह दो भागों में बँट गया। एक कार निकोबार और दूसरा लिटिल अंदमान।
२) तताँरा खूब परिश्रम करने के बाद कहाँ गया? वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर- तताँरा दिनभर परिश्रम करने बाद समुद्र के किनारे टहलने के लिए गया। सायंकालिन समय था। सूरज समुद्र में डूब रहा था। समुद्र की ओर से ठंड़ी-ठंड़ी बयारें आ रही थी। पक्षियों की सांयकालिन आवाज़े धीरे-धीरे कम हो रही थी। सूरज की अंतिम रंग-बिरंगी किरणें समुद्र में सोना बिखेरती हुई दिख रही थी। समुद्र की ऊँची उठती लहरें मानो संगीत के समान गूँज रही थी।
३) वामीरो से मिलने के बाद तताँरा के जीवन में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर- वामीरो से मिलने के बाद तताँरा विचलित हुआ था। उसके शांत जीवन में खलल पड़ गई थी। वह वामीरो से मिलने के लिए बेचैन रहता था। वामीरो की प्रतीक्षा में समुद्री चट्टान पर शाम के समय बैठा रहता था। वामीरो का चेहरा उसकी आँखों के सामने तैरता रहता था। वह सतत आचंभित और रोमांचित रहता था।
४) प्राचीन काल में मनोरंजन और शक्ति प्रदर्शन के लिए किस प्रकार के आयोजन किए जाते थे?
उत्तर- प्राचीन काल में मनोरंजन के लिए मेले व तमाशों का आयोजन किया जाता था। मेले में संगीत तथा गायन स्पर्धाओं का आयोजन होता था। हृष्ठ-पुष्ठ पशुओं के प्रदर्शन के साथ, पशुओं तथा योवकों का शक्ति-प्रदर्शन भी होता था। गाँव के सभी लोग इसमें हिस्सा लेते थे। सभी के लिए भोजन की व्यवस्था भी की जाती थी।
५) रुढ़ियाँ जब बंधन बन बोझ बनने लगें तब उनका टूट जाना ही अच्छा है। क्यों? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- रूढ़ियाँ या परंपराएँ समाज के हित को ध्यान में रखकर बनाई जाती है। लेकिन वही रुढ़ियाँ अगर समाज के हित में न होकर उसे नुकसान पहुँचाने का काम करती है तो उनको खत्म करना बहुत जरुरी होता है। निकोबार की वह परंपरा नहीं होती तो तताँरा-वामीरो को अपना जीवन त्यागना नहीं पड़ता। ऐसी ही समाज में अनेक रुढ़ियाँ है जो समाज को नुकसान पहुँचाने का काम करती हैं। गतिशील समाज के साथ रुढ़ियों में भी परिवर्तन आना तथा समाज विघातक रुढ़ियों का टूटना जरुरी है।
ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए।
१) जब कोई राह न सूझी तो क्रोध का शमन करने के लिए उसमें शक्ति भर उसे धरती में घोंप दिया और ताकत से उसे खींचने लगा।
आशय- तताँरा-वामीरो के प्रेम तथा विवाह को गाँववालों द्वारा विरोध होने पर वामीरो पशु-पर्व में तताँरा के सामने रोने लगी। वामीरो की माँ द्वारा अपमानित होने से तताँरा ने गुस्से में आकर लकड़ी की तलवार पहली बार बाहर निकाली लेकिन कोई रास्ता न सूझने पर अपने क्रोध को शांत करने के लिए उसमें शक्ति भरकर उसे जमीन में घोंप दिया और ताकत से खींचने लगा।
२) बस आस की एक किरण थी जो समुद्र की देह पर डूबती किरणों की तरह कभी-भी डूब सकती थी।
उत्तर- तताँरा वामीरो को मिलने के बाद उसकी सुंदरता में डूब जाता है। वह वामीरो की अगले दिन उसी समुद्री चट्टान पर प्रतीक्षा करता है। लेकिन वामीरो आएगी या नहीं इसकी उसको कोई कल्पना नहीं थी। उसके मन में आशा की एक किरण थी कि वह आएगी, जो सूरज की डूबती किरणों के समान कभी भी डूब सकती थी। मतलब उसकी आशा निराशा में कभी-भी बदल सकती थी।