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अनौपचारिक पत्र NCERT (Informal letter...सरल सटिक जानकारी)

                                                                      अनौपचारिक पत्र 

अनौपचारिक पत्र अपने मित्रों, रिश्तेदारों तथा परिवार के सदस्यों को लिखा जाता है। यह पत्र व्यक्तिगत जीवन से संबंधित विचारो की आदान-प्रदान करने हेतु लिखा जाता है।

अनौपचारिक पत्र का प्रारुप/कलेवर-

१) प्रेषक का नाम और पता- पत्र भेजनेवाले का नाम और पता पत्र की बाईं ओर लिखा जाता है।

२) दिनांक- पता लिखने के बाद एक पंक्ति छोडकर दिनांक लिखें। दिनांक लिखते समय महिना हमेशा हिन्दी में           लिखना। जैसे- मई, जून, अगस्त।

३) संबोधन- दिनांक लिखने के बाद एक पंक्ति छोड़कर पत्र जिन्हें पत्र लिखा जा रहा है, उनके लिए संबोधन और                        नीचे  वाली पंक्ति में अभिवादन लिखें।

     जैसे- पिताजी और माताजी के लिए संबोधन       -    पूजनीय पिताजी/माताजी

                                                         अभिवादन   -   चरण स्पर्श/ सादर नमस्ते

              अपने से बड़ों के लिए             संबोधन      -  आदरणीय मामाजी/नानाजी 

                                                         अभिवादन   -   सादर प्रणाम                                      

             अपने से बराबर या छोटों के लिए संबोधन    -  प्रिय भाई/बहन/मित्र

                                                         अभिवादन    -   स्नेह/ आशीर्वाद  

४) मुख्य विषय- पत्र जिस विषय को लेकर लिखने के लिए बोला है, उस विषय को तीन अनुच्छेद में विभाजित करना चाहिए।  पहले अनुच्छेद में पत्र भेजे जाने वाले की पूछताछ के साथ उनके खुशहाल होने की बात लिखनी है। जैसे- आप सब ठीक होंगे। हम सब भी ठीक हैं। उसके बाद पत्र के अनुसार विषय का विश्लेषण होना जरुरी है। पत्र के समापन में परिवार के सदस्यों के कल्याण की कामना करनी है। जैसे- सब अपना खयाल रखना आदि।

५) समाप्ति- पत्र के अंत में बाईं ओर ही आपका पत्र भेजे जा रहे व्यक्ति से सबंध लिखते हुए अपना नाम लिखना है। जैसे- आपका बेटा/ भाई/ पोता आदि।    


उदाहरण - अपने मित्र के पिताजी की कोरोनो महामारी के कारण हुई मृत्यु की खबर सुनने पर सांत्वना करते हुए पत्र लिखिए। 

अ.ब.क.

परीक्षा भवन

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दिनांक- १७ जून २०२५

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प्रिय मित्र राकेश,

सदा खुश रहो

तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर बहुत दु:ख हुआ। मुझे कुछ ही दिन पहले पता चला कि तुम्हारे पिताजी अब नहीं रहे। इस कोरोना महामारी ने अनेक बच्चों से उनके पिता का साया छिन लिया। तुम्हारे पिताजी बहुत अच्छे इन्सान थे। उन्होंने हमेशा दुसरों की भलाई के बारे में ही सोचा। भ्गवान उनकी आत्मा को शांति दें। तुम्हारे पिताजी के जाने के बाद अब घर की जिम्मेदारी तुम्हारी रहेगी। ऐसे में हिम्मत से काम लेना। अपनी माताजी का खयाल रखना। उनका ऐसे कठीन प्रसंग में सहारा बनना। मुझसे किसी भी प्रकार की मदद चाहिए हो तो निसंकोच कहना।

मैं कुछ दिनों बाद छुट्टियाँ लेकर तुम्हें मिलने आऊँगा। अपने घरवालों को मेरा नमस्ते कहना।


तुम्हारा मित्र 

अ.ब.क.

                   

( नोट - छात्र पत्र में कहीं पर भी अपने वास्तविक नाम और पते को न लिखें। दिनांक में अंग्रेजी अंकों प्रयोग कर सकते हैं। अंत में हस्ताक्षर करना अनिवार्य नहीं है।)

अभ्यास कार्य हेतु कुछ प्रश्न उदाहरण -
१) अपनी माताजी को तबियत का खयाल रखने का सुझाव देते हुए पत्र लिखिए।
२) अपने मामाजी को शादी पर बधाई देने हेतु पत्र लिखिए।
३) अपने नानाजी को जन्मदिन की शुभकामनाएँ देते हुए पत्र लिखिए।


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