उपसर्ग
नोट-
उपसर्ग और मूल शब्द अलग करते समय शुरुवात से एक-एक अक्षर उस वक्त तक अलग करना है कि
अंत में रहने वाले शब्द का अर्थ निकले।
उदा. हरवक्त =‘ह’अक्षर अलग हुआ,
शब्द रहा रवक्त जिसका कोई अर्थ नहीं, बाद में ‘हर’ शब्द निकाला, अंत
में शब्द रहा ‘वक्त’ जिसका अर्थ है-समय (मतलब उपसर्ग-हर और मूलशब्द-
वक्त)
उदा. उपसर्ग मूलशब्द /अर्थ उपसर्ग
से बना शब्द तथा उसका अर्थ परिवर्तन
अ सफ़ल
(कामयाब) अ+सफ़ल=असफ़ल ( नाकामयाब/कामयाब न होना)
कु रुप (सूरत) कु+रुप=कुरुप
(बुरी सूरत)
स्व देश स्व+देश=स्वदेश(अपना देश), स्व+राज=स्वराज(अपना राज)
दुर घटना ओज दुर+घटना=दुर्घटना (बुरी
घटना)
बे इज्जत (सम्मान) बे+इज्जत (बिना सम्मान का)
बा कायदा बा+कायदा (कायदे के साथ)
कम अक्ल (दिमाग) कम+अक्ल (कम दिमाग का)
अधि नायक (अभिनेता) अधि+नायक (मुखिया)
नि डर (भय) निडर (निर्भय)
पर दादी परदादी (पिता की दादी)
बिन खिल (खिलना) बिनखिला (जो खिला नहीं)
दु रंगी (रंग) दुरंगी (दो रंग का)
उप मंत्री उपमंत्री
त काल (समय) तत्काल (उसी समय)
निष्कर्ष- उपसर्ग के अधिकाधिक शब्द पढ़कर उन्हें याद करने से आप उपसर्ग और मूलशब्द की सही पहचान नहीं कर सकते हैं। अधिक उदाहरण पढ़कर सिर्फ़ आप समय की बरबादी करेंगे। वहीं आप अगर एक शब्द से उपसर्ग और मूलशब्द कैसे किया जाना चाहिए यह जानकारी प्राप्त करेंगे तो आप किसी शब्द से आसानी से उपसर्ग और मूलशब्द अलग कर सकते हैं। हमारे दिए गए इन नोटस से आपको जरुर फ़ायदा होगा। आप हमें उपसर्ग पहचानने का तरिका कैसे लगा जरुर कमेंट करके बताना। जिससे हम आपके लिए और भी सहजता से नोटस देने का प्रयास करेंगे।
धन्यवाद