प्रत्यय
जब कोई शब्द या शब्दांश किसी शब्द के अंत
में लगकर उसके मूल अर्थ में परिवर्तन लाता है या नया शब्द बनाता है, उसे प्रत्यय कहते
हैं।
नोट- प्रत्यय और मूल शब्द अलग करते समय अंत
से एक-एक अक्षर उस वक्त तक अलग करना है कि शेष शब्द का अर्थ निकले।
उदा. पढ़ाकू इस शब्द से ‘कू’ प्रत्यय अलग हुआ, शब्द रहा पढ़ा लेकिन इसका मूल शब्द अभी बाकी है, बाद में ‘आ’ स्वर अलग करने से अंत में ‘पढ़’ शब्द शेष बचा। पढ़+आकू= पढ़ाकू (मतलब प्रत्यय आकू और मूलशब्द- पढ़), चचेरा इस शब्द से रा शब्दांश अलग किया तो चचे शब्द बचा लेकिन इसका कोई अर्थ नहीं होता , चचे से ए निकाला तो एरा प्रत्यय निकला तो चच शब्द बचा लेकिन यह मूल शब्द न होकर इसका मूल शब्द चाचा होता है।
जैसे- चच (चाचा)+एरा= चचेरा( मतलब प्रत्यय एरा और मूल शब्द चाचा)
उदा. मूल शब्द प्रत्यय नवीन शब्द
घट इया घट+इया= घटिया
झूल आ झूल+आ= झूला
ओढ़ नी ओढ़+नी=ओढ़नी
घबरा आहट घबरा+आहट=घबराहट
दिख आवा दिख+आवा=दिखावा
चुन औती चुन+औती=चुनौती
हँस ता हँस+ता=हँसता
पढ़ आई पढ़+आई=पढ़ाई
सो या
सो+या=सोया
थक
आन थक+आन=थकान
श्रम परि परि+श्रम=परिश्रम
चाचा एरा चाचा+एरा=चचेरा
गाड़ी वान
गाड़ी+वान=गाड़ीवान
अच्छा आई अच्छा+आई=अच्छाई
निष्कर्ष- उपसर्ग और प्रत्यय दोनों को एक ही आधार पर अलग-अलग करके उनके मूल शब्द तक पहुँचा जा सकता है। जैसे ऊपर पढ़ाकू और चचेरा इन दो शब्दों से आपने समझा कैसे हम हर एक शब्द से प्रत्यय और मूलशब्द तक पहुँच सकते हैं। आपको प्रत्यय पहचानने के लिए दिया गया विश्लेषण कैसे लगा कमेंट करके जरुर बताए। धन्यवाद